जोड़ें नाता योग से – जैनेन्द्र प्रसाद रवि

जोड़ें नाता योग से मनहरण घनाक्षरी छंद स्वस्थ रहने के लिए, चैन से जीने के लिए, जीवन में सभी लोग, जोड़ें नाता योग से। ऋषियों का है कहना, निरोगी जो…

योग सौम्य संजीवनी – दोहावली – देवकांत मिश्र ‘दिव्य’

दोहावली योग सौम्य संजीवनी “””’””””””””””””””””””””””””””””””””””””””””””””” योग गणित का अंश है, यही खोज पहचान।। दिव्य मिलन परमात्म का, सुंदर शुभ अवदान।।०१ नियमित योगाभ्यास से, मिलती मन को शांति। बढ़ती है एकाग्रता,…

करें योग रहें नीरोग – मृत्युंजय कुमार

करें योग-रहे नीरोग आओ हम सब योग करें। जीवन को नीरोग करें।। सुबह सवेरे उठकर जो करते हैं योग। बिमारी दूर भागती है और वो सदा रहते हैं नीरोग।। स्वस्थ…

योग – गिरींद्र मोहन झा

योग योग का अर्थ है जुड़ना, एकाग्रता, निरन्तर अभ्यास। कर्म-कुशलता, समत्व, दुःखसंयोग-वियोग का प्रयास।। भक्तियोग, ज्ञानयोग, राजयोग, कर्मयोग इनके चार प्रकार। योग का चरम व अंतिम उद्देश्य है, परमात्मा से…

देशी खाना – जैनेन्द्र प्रसाद रवि

देशी खाना- बाल कविता छोड़ो बच्चों स्प्राइट माजा, आम लाओ मीठा व ताजा। पिज़्ज़ा-बर्गर-नूडल त्यागो, खाओ खूब रोटी और दाल।। जो खाते हैं मैगी-तंदूरी, तली चपाती, पानी-पुरी। जवानी में ही…