बुद्धं शरणं गच्छाम: – राम किशोर पाठक:

बुद्धं शरणं गच्छाम:। संघं शरणं गच्छाम:।। चत्वारि आर्यसत्यानि, जीव जीवने संगानि, दु:खं, दु:खस्य कारणं वा, निरोधं, निरोधगामिनीं प्रतिपदा। बुद्धं शरणं गच्छाम:। संघं शरणं गच्छाम:।। अहिंसा, अस्तेय, कामेच्छा वर्जनम्, अनृतं च…

बुद्धत्व की प्राप्ति – अमरनाथ त्रिवेदी

  बड़ा   लक्ष्य   जिन्हें     पाना   हो , छोटी-छोटी बातों पर भी  ध्यान  दिया करते ।   जिन्हें  अपने  पर  विजय  पाना   हो , वे कभी  विलासी बातों में …

कर्म – नूतन कुमारी

कर्म   धर्म का राह कभी सरल नहीं होता, अधर्म से बड़ा कोई हलाहल नहीं होता युगों – युगों तक स्मरण करें हर कोई, यह मार्ग इतना अविरल नहीं होता।…

माँ- डॉ स्नेहलता द्विवेदी आर्या

  माँ माँ! सुंदर ! बहुत सुंदर, शब्द ब्रम्ह समाया, अंतस्थ अन्तर्मन रोम-रोम, स्पंदन, समर्पण, सुंदर, सुरभित चितवन!   माँ! मेरी संगिनी, प्रेम की रागिनी, दुलार की अद्भुत सरिता, प्रेमाश्रु…

महाराणा प्रताप – राम किशोर पाठक

महाराणा प्रताप   राजस्थान के मेवाड़ में, सिसोदिया राजवंश था। वीर उदय सिंह द्वितीय का, जन्म लिया एक अंश था।। जयवंता बाई सोनगरा, क्षत्रिय नाम सुमार था। जिनके पावन गर्भ…