गुरुजी का ज्ञानदान बचपन में गुरुजी ने सिखलाया अनुशासन का खूब पाठ पढ़ाया। कहते बापूजी के तीन थे बंदर सुनो दिनेश, महेश, रमेश व चंदर। पहला कहता बुरा मत बोलो…
Author: Vijay Bahadur Singh
मकर संक्रांति-मनोज कुमार
मकर संक्रांति सही में, इ गजबे परब है। ठंडा को ठोककर, सुबह में उठना, निप पोत ठीककर, डुबकी लगाना। कमाया है जो कर, हक जानो सबका। दान दक्षिणा देकर, वंदन…
हृदयवासिनी-गौतम भारती
हृदयवासिनी सजग नयन की नूर लिये सीरत सहज प्रवासिनी। आ पड़ी अधिवास को अक्षुण्ण अधिकार, प्रकाशिनि।। चमक उठी वो सूरत जो वर्षों पड़ी थी मौन। चेहरे की खुशियां देखो दुःख…
तिल सकरात-जैनेन्द्र प्रसाद रवि’
तिल सकरात बचपन से हम सुनs हलूं महिमा तिल सकरात के, घर के जमाबल रहे शुद्ध दूध-दहिया, चप-चप हाथ करे लपटल मख्खन, महीया । दुश्मन के भी दोस्त बना दे…
आस्था का पर्व-अशोक कुमार
आस्था का पर्व आओ मकर संक्रांति मनाएं, एक दूजे के गले लग जाएं। अपनी संस्कृति को बचाएं, प्रेम की धारा बहाएं।। सुबह सुबह स्नान करें, सूर्य को नमस्कार करें। दही…
दोहावली-देव कांत मिश्र ‘दिव्य’
दोहावली उत्तरायणी पर्व का, हुआ सुखद आगाज। ढोल नगाड़े बज रहे, होंगे मंगल काज।। सूरज नित अभिराम है, जीवन का आधार। देव रूप पूजे सदा, सारा ही संसार।। बदल दिशा…
संक्रांति का पैगाम-विवेक कुमार
संक्रांति का पैगाम होशियार खबरदार……….. आ गया मकर संक्रांति का त्योहार, सभी पर्वों से अलग, अनूठा, अनोखा, दिलाता एक सुंदर एहसास, तिल संक्रांति, खिचड़ी पर्व नाम से, यह है जाना…
पतंग-ब्यूटी कुमारी
पतंग दिन है आज पतंग का नभ में साज पतंग का इंद्रधनुष के रंगों वाला वह देखो सतरंगी पतंग। चौकोर आकार वाला चली डोर पर बैठ पतंग रंग बिरंगी सतरंगी…
मकर संक्रांति-रूचिका
मकर संक्रांति आइये सब मिलजुलकर त्योहार है मनाइए, घर आँगन हर जगह ख़ुशियाँ हैं फैलाइये। रंग बिरंगे पतंगों की तरह छुए आसमान को, कुछ ऐसा ही जतन आप भी कर…
सुंदर सूभग विहान-डॉ स्नेहलता द्विवेदी ‘आर्या ‘
सुंदर सूभग विहान हे रवि आ जाओ तुम नभ में, जीवन में मकर प्रयाण लिए। ठंड की वेला से मुक्ति का, सुंदर सुभग विहान लिए। शुभ उत्तरायण शुभ मंगल हो,…