कौन कहता है बच्चे पढ़ते नहीं बच्चे तो कच्चे माटी के बने होते हैं जैसा चाहो वैसा रूप बना दो, पर हम खुद कुम्हार बनते नहीं, कौन कहता है बच्चे…
Author: Vijay Bahadur Singh
TOB का नवयौवन-राजेश कुमार सिंह
TOB का नवयौवन इतनी छोटी-सी उम्र में ही आप महान् हैं। कोई हीरा होगा, आप कोहिनूर समान हैं।। आप युवा हैं फिर भी आपमें गहराई है। मेरी इन बातों में…
मैं किसान हूँ-प्रभात रमण
मैं किसान हूँ हूँ दीन, हीन, गरीब, मगर मैं सबसे बड़ा अमीर हूँ । ये जमीन मेरी है, ये आसमाँ मेरा है । बहती पवन मेरी है, सारा जहाँ मेरा…
कौन कहता बच्चे पढ़ते नहीं-प्रियंका कुमारी
कौन कहता बच्चे पढ़ते नहीं बच्चों की होती अलग सी दुनिया जिसमे होती उनकी जान, कल्पनाओं का पंख लिए हौसलों से भरते वे अपनी उड़ान, सृजनात्मकता होती उनमें कूट-कूट कर…
उसके सपने मेरे सपने, उदास बचपन-गिरिधर कुमार
उसके सपने मेरे सपने बड़े जतन किये समझने के उसकी तोतली जुबान को शब्द सा कुछ नहीं अर्थ सा कुछ नहीं एक लय! लय सा है फिर भी चलता लुढ़कता…
बच्चों का सर्वांगीण विकास-नूतन कुमारी
बच्चों का सर्वांगीण विकास बच्चों का मन चंचल चितवन है, हम उन पर लिख देंगे इतिहास, सकारात्मक दृष्टिकोण अपनाकर, देंगे ज्ञान का अलौकिक प्रकाश। खेल-खेल में सीखते हैं बच्चे, छू…
क्रिकेट-निधि चौधरी
क्रिकेट जंगल में बंदर जी बोले चलो आज क्रिकेट खेलें। सबने इसमे सहमती जताया अंपायर हाथी को बनाया। बैटिंग करने गधा आया, पहले बॉल में कैच उड़ाया। बल्ला ले कर…
विद्या वाहिनी का रूप शिक्षक-शालिनी कुमारी
विद्या वाहिनी का रूप शिक्षक देश के शिरोरत्न हैं शिक्षक शिक्षक ही है राष्ट्र-निर्माता शिक्षक के ज्ञान की ज्योति से जीवन सुख-संपन्न हो जाता नौनिहालों के स्वर्णिम भविष्य को शिक्षक…
शिष्य-जैनेन्द्र प्रसाद रवि
शिष्य विद्या, बुद्धि, धीरज, संयम जो जीवन में अपनाता है, वही गुरू का सर्वश्रेष्ठ शिष्य सदा कहलाता है। सूर्योदय से पहले जो अपनी शैय्या को छोड़े, काम-क्रोध, लोभ और ईर्ष्या…
बचपन-राकेश कुमार रंजन
बचपन न जाने क्यों अब यादें आती है बचपन की। वो मीठे-मधुर संबंध बालसखा की वो कहानी किस्से सुनना दादी अम्मा की न जाने क्यों अब यादें आती है बचपन…