प्रेमचंद क्यों है कथासम्राट का जन्मदिन उपेक्षित क्या उनकी रचनाएँ अब है दम तोड़ती क्या उस कलमकार की रचना में इतना बस भी दम नही कि कर सके हामिद बन…
Author: Vijay Bahadur Singh
कलम के सिपाही को शत-शत नमन-रानी कुमारी
कलम के सिपाही को शत-शत नमन तस्वीरें नहीं बदलीं ओ संवेदना के शिखर पुरुष ! कलम के सच्चे सिपाही ! ओ कथा सम्राट! तुमने समाज की जिन सड़ी-गली रूढ़ियों से…
आदर्श शिक्षक-गौतम भारती
आदर्श शिक्षक हे मनुष्य निर्माता, राष्ट्र निर्माता पग पग आपकी दरकार है। आप हैं हमारे आदर्श शिक्षक, आपकी जय जय कार है ।। आपकी जय जय कार है । शिक्षण…
पाक नसीहत प्रभात रमण
पाक नसीहत भारत ने तुमको जन्मा है ये देश तुम्हारी माता है इसको तो कोई कष्ट नही फिर तुम्हे क्यों नही भाता है ? अपनी माँ से अलग होकर कैसे…
गुरु की महत्ता-खुशबू कुमारी
गुरु की महत्ता जब लगे कि सारे रास्ते हो गए बंद जिंदगी से हो गए तंग छिड़ गई हो आपस में जंग तब खुद को थोड़ा संभालना एकांत बैठना आंखे…
शिक्षक-कुमकुम कुमारी
शिक्षक हाँ मैं एक शिक्षक हूँ। शिक्षक होने का दंभ मैं भरता हूँ। राष्ट्र निर्माता होने पे गर्व मैं करता हूँ। हाँ मैं एक शिक्षक हूँ। यह सच है कि…
आत्मदृष्टि बदल दे सृष्टि-मधुमिता
आत्मदृष्टि बदल दे सृष्टि हे आत्माओं कर लो परमात्मा से प्यार वो प्यार का सागर देता हमें केवल प्यार ही प्यार अपने दुःख का कारण न समझ उनको, वो…
मानव जीवन-देव कांत मिश्र
मानव जीवन मानव जीवन बड़ा धन्य है इसे हम बताते चलें। अपने सत्कर्मों से नित इसे हम सजाते चलें।। देखो! बड़े भाग से मिला यह सुन्दर मानुष तन। अपने शुभ…
गुरु हैं जग के सोपान-अश्मजा प्रियदर्शिनी
गुरु हैं जग के सोपान गुरुवर के सानिध्य में बनते हम महान न रहते नादान, देते आशिष बनाते सुल्तान गुरूवर देते हमें अनुपम सकल ज्ञान हमारी नादानी का करते निदान…
रोटी-प्रियंका प्रिया
रोटी इस दो जून की रोटी की खातिर नीयत करते सब खोटी, वाकई रोटी चीज नहीं छोटी।। क्या कहूँ इस पापी पेट के लिए क्या क्या सितम उठाना पड़ता है,…