जल ही जीवन जल ही जीवन है, इसके बिना जीवन निराधार। आओ मिलकर करे, जल न हो बेकार। जल जीवो को जीतना जरूरी, पेड़-पौधो को भी उतनी ही जरुरी।…
Author: Vijay Bahadur Singh
दर्पण की अदाकारी-प्रियंका प्रिया
दर्पण की अदाकारी सोलह श्रृंगार कर जब दर्पण सम्मुख इतराते सब, सुन तारीफें खुद की मन ही मन इठलाते सब।। दूसरों के सामने झूठ बोलने से नहीं कोई कतराते जब,…
एहसान-स्वाति सौरभ
एहसान उपहार में मिली कार आप पर एहसान होती है पुरस्कार में मिली कलम आपकी पहचान होती है सौदे से मिली शोहरत,आप पर एहसान होती है मेहनत से मिली सम्मान,…
पोषण-अशोक कुमार
पोषण गेहू,चावल,आलू,मक्का, नित्य भोजन करो इसका पक्का। कार्बोहाइड्रेट के है ये भंडार, मिलती है ऊर्जा आपार। रजमा,दाल और सोयाबिन, मिलती है इसमे प्रोटीन। जब थाली मे होगे ये प्रतिदिन, तभी…
हर सुबह-विजय सिंह “नीलकण्ठ”
हर सुबह अरुण सी आभा लिए सूरज निकलता हर सुबह कलियाँ भी मुस्काती हुई खिल जाती है हर सुबह। चिड़ियाँ खुशी में झूम कर नाचा करती हर सुबह पशुजात…
भविष्य निर्माता-एम. एस. हुसैन
भविष्य निर्माता हम शिक्षक है देश के नहीं किसी बच्चे विशेष के नहीं हमारा कोई हीत हितैषी मेरी नजरे सब पर होती एक जैसी। जब यहां पर सारे बच्चे हैं…
ग्राम्य जीवन-प्रियंका प्रिया
शीर्षक- ग्राम्य जीवन ग्राम्य जीवन की पृष्ठभूमि को भूल गए सभी आज, गोबर, उपले, माटी अंगना से करते थे आगाज़।। निश्छल,निर्मल, अपनत्व भाव से करते थे सत्कार, जीव-जंतु सभी की…
टीचर्स ऑफ बिहार-विजय सिंह नीलकण्ठ
टीचर्स ऑफ बिहार टीचर्स ऑफ बिहार ने हमशिक्षकों को दिया एक ऐसा मंचजहाँ न कोई कूटनीति हैऔर न कोई है प्रपंच।यहाँ योग्यता पूजी जातीविद्वत का होता सम्मानजो विद्वत थे अब…