ऋण
ऋण माता का,
ऋण पिता का,
ऋण भाई बहन का,
ऋण प्रियजनों का।।
ऋण मित्र का,
ऋण शत्रु का,
ऋण परिचित का,
ऋण अपरिचित का।।
ऋण समय का,
ऋण असमय का,
ऋण सहसा उपकार का,
ऋण अदृश्य सहचर का।।
ऋण धरती माता का,
ऋण प्रचण्ड सूर्य किरणों का,
ऋण द्रुत गामी पवन का,
ऋण जीवन दायिनी जल का।।
ऋण सत्य का,
ऋण असत्य का,
ऋण साहस का,
ऋण दृढ़ संकल्प का।।
ऋण भूत का
ऋण वर्तमान का,
ऋण भविष्य का,
ऋण चराचर जगत का।।
प्रस्तुति
बैकुंठ बिहारी
स्नातकोत्तर शिक्षक कंप्यूटर विज्ञान उच्चतर माध्यमिक विद्यालय सहोड़ा गद्दी कौशकीपुर
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