आऍं गुरु से तिलक लगा लें- रामपाल प्रसाद सिंह ‘अनजान ‘

आऍं गुरु से तिलक लगा लें आऍं गुरु से तिलक लगा लें, काली छाया दूर भगा लें, बीत गई गर्मी की छुट्टी,पाबस आया खास महीना। ऐसा प्रेमिल भाव कहीं ना।।…

अपना हमें समर्पण दे दो- राम किशोर पाठक

अपना हमें समर्पण दे दो – बाल कविता कूद कूदकर आते बच्चे। कुछ सहमें इठलाते बच्चे।। कहना चाह रहे कुछ बच्चे। हो गए मौन फिर क्यों बच्चे।। आशाओं के दीप…

मंजिल तुझे पुकारे – दिग्पाल छंद बाल गीत – राम किशोर पाठक

मंजिल तुझे पुकारे – दिग्पाल छंद बाल गीत बच्चों कभी न रोना, हिम्मत कभी न खोना। मंजिल तुझे पुकारे, थककर कभी न सोना।। यह फर्ज है तुम्हारा, करके सदा दिखाओ।…

दीनानाथ भोलेनाथ – जैनेन्द्र प्रसाद ‘रवि’

दीनानाथ भोलेनाथ संत जन आठों याम, रोज जपते हैं नाम, सावन में मंदिरों में, होता जयकारा है। चढ़ता है बेलपत्र, गंगाजल शमी पत्र, धतूरा कनैल भांग, शंकर को प्यारा है।…

भागो-भागो पानी आया – राम किशोर पाठक

भागो-भागो पानी आया – बाल गीत सबको यह भींगोने आया। भागो-भागो पानी आया ।। देखो बादल गरज रहा है। लगे पटाखा फूट रहा है।। काले, नीले, भूरे बादल। नवल रूप…

हम सुंदर भविष्य बनाएँ- अमरनाथ त्रिवेदी

हम सुंदर भविष्य बनाएँ जहाँ कहीं भी सीख अच्छे मिलते हों , उसे    जरूर    अपनाएँ । अपने भारत देश को हम , आसमाँ तक  पहुंचाएँ । शिक्षित होना बहुत जरूरी…

सहज धरा को स्वर्ग बनाएँ – अंजनेय छंद गीतिका – राम किशोर पाठक

सहज धरा को स्वर्ग बनाएँ – अंजनेय छंद गीतिका आओ मिलकर देश सजाएँ। जन-मानस को पाठ पढाएँ।। सभी भेद का त्याग करें हम। सबको सबसे गले लगाएँ।। होड़ मची बस…