रोको!रोते भगवान हैं।। मात पिता मेरे पास हैं। रखते वे मुझसे आस हैं।। कहते हैं वे ऐसा करो। सचमुच लांछन से डरो।। गहराई लेकर बोलते। शब्दों को वे हैं तोलते।।…
Category: दिवस
मैं पिता बन गया हूॅं – बिंदु अग्रवाल
मैं पिता बन गया हूँ छोड़ दी हैं मैंने सारी अठखेलियाँ क्योंकि अब मैं पिता बन गया हूँ। अब मैं पिता को नखरे नहीं दिखाता, क्योंकि अब मैं पिता बन…
पिता – कुमकुम कुमारी ‘काव्याकृति’
पिता पितृ दिवस पर आज सभी, करते पितृ को याद। पाकर आशीष पितृ से,होते खुश औलाद।। मात-पिता के स्थान का,करता जो नित ध्यान। बिन पोथी के ज्ञान ही,पाता वो सम्मान।।…
मेरे पिता – आशीष अम्बर
“मेरे पिता ” कभी अभिमान हैं तो, कभी अरमान हैं पिता, कभी धरती हैं तो, कभी आसमान हैं पिता । जन्म दिया है , अगर माँ ने हमको, फिर भी…
पिता हीं हैं शान हमारी- मृत्युंजय कुमार
पिता हीं है शान हमारी पिता हीं है शान हमारी। है उनसे पहचान हमारी।। पिता का कर्ज चुकाना है। बेटा होने का अपना फर्ज निभाना है।। पिता जी रखते हमारा…
जैसे पास हमारे पापा – स्नेहलता द्विवेदी ‘आर्या’
जैसे पास हमारे पापा मेरा क्या सब कुछ तुम से है, प्राणों से तुम प्यारे पापा। हिय के अद्भुत सहज सोम तुम, शीतल चाँद हमारे पापा। बहुत याद आते हो…
नमन पिता को कीजिए – विधा दोहा – राम किशोर पाठक
नमन पिता को कीजिए- दोहा छंद कहें जनक पालक उन्हें, जिन चरणों में धाम। पिता वचन का मान रख, वनगामी श्रीराम।।०१।। कदम बढ़ाना अंक दे, जिसका है शुभ काम। नमन…
खाद्य सुरक्षा पर रखना ध्यान – मृत्युंजय कुमार
खाद्य सुरक्षा पर रखना ध्यान सुरक्षित और स्वस्थ भोजन हो अपना। तभी स्वास्थ्य बेहतर रहेगा अपना।। मिलावटी खाद्य सामग्री पहचानें। संतुलित आहार को अपनाना जानें।। पोषक तत्व वाला भोजन करना।…
गंगा दशहरा – द्विगुणित सुंदरी छंद गीत – राम किशोर पाठक
गंगा दशहरा – द्विगुणित सुंदरी छंद गीत मास ज्येष्ठ दशमी को, गंगा भू पर आना। आज दशहरा गंगा, जन-जन में कहलाना।। वंश इक्ष्वाकु जाने, राजा सगर बखाने। अश्वमेध का घोड़ा,…
धरती की पुकार – कुमकुम कुमारी ‘काव्याकृति’
धरती की पुकार धरती कहे पुकार के, अब सुन लो मेरे लाल। हर सुख-सुविधा तुम यहाँ से पाते, फिर,क्यों नहीं करते मेरा श्रृंगार। धरती कहे……………… नदियाँ-झड़ने सब सूख रहे हैं,…