वट-सावित्री – दोहा छंद – राम किशोर पाठक

वट- सावित्री – दोहें खास अमावस ज्येष्ठ को, मिलता ऐसा योग। पति की रक्षा कर सके, नारी निज उद्योग।।०१।। सती शक्ति भूषण सदा, नारी का सम्मान। जिसके आगे हैं झुकें,…

कछुए की चाल- सुरेश कुमार गौरव

कछुए की चाल धीरे-धीरे चलता कछुआ, धैर्य-ध्वनि-सा बलता कछुआ। शांत, सहज, संकल्पी लगता, मौन मगर हर पलता कछुआ।। जल-थल दोनों जीवन उसका, गति में गूढ़ विवेक है जिसका। छोटा तन,…

विश्व कछुआ दिवस – भूषण छंद – राम किशोर पाठक

विश्व कछुआ दिवस – भूषण छंद आज हुआ कछुआ दुर्लभ, रहता है जल के भीतर। कर सकता भी है थल पर, जीवन अपना गुजर-बसर।। लम्बा जीवन जीता यह, इसको ले…

मातृ दिवस – गिरीन्द्र मोहन झा

मातृ दिवस   पिता देखता है स्वप्न, मेरा बेटा नाम करे, शुभ-श्रेष्ठ काम करे, प्राध्यापक, जिलाधिकारी बने, हृदय में होता प्यार, मुख पर अमृतवचन, ये वचन देते पग-पग पर, शिक्षा…

बुद्धं शरणं गच्छाम: – राम किशोर पाठक:

बुद्धं शरणं गच्छाम:। संघं शरणं गच्छाम:।। चत्वारि आर्यसत्यानि, जीव जीवने संगानि, दु:खं, दु:खस्य कारणं वा, निरोधं, निरोधगामिनीं प्रतिपदा। बुद्धं शरणं गच्छाम:। संघं शरणं गच्छाम:।। अहिंसा, अस्तेय, कामेच्छा वर्जनम्, अनृतं च…

बुद्धत्व की प्राप्ति – अमरनाथ त्रिवेदी

  बड़ा   लक्ष्य   जिन्हें     पाना   हो , छोटी-छोटी बातों पर भी  ध्यान  दिया करते ।   जिन्हें  अपने  पर  विजय  पाना   हो , वे कभी  विलासी बातों में …