आयी है फिर रात सुहानी। आओ हम सब सुने कहानी।। एक समय की बात पुरानी दादी कहती रोज कहानी। परी नाम की एक परी थी हाथ लिए वह एक छड़ी…
Category: बाल कविता
दाँत दर्द – नीतू रानी
मैंने मानी पापा की बात, जो दाँत दर्द से पाई निजात। बहुत जोड़ से उठा दाँतों में दर्द लगता था जाएँगे अब हम मर, खाए हम अपने मन से दवा…
ओ सूरज चाचू – अवनीश कुमार
ओ सूरज चाचू! थोड़ा गुस्सा कम दिखाओ ना थोड़ा गुस्सा कम दिखाओ ना ओ काले बादल भैया! खूब बारिश बरसाओं ना खूब बारिश बरसाओ ना अरी वो बिजली रानी अपना…
बड़ों की सीख – जैनेन्द्र प्रसाद रवि’
बिना टिकट के चिंटू भाई जो बैठोगे रेल में। पकड़े जाने पर दंड लगेगी पहुँच जाओगे जेल में।। बिना पटरी के पंक्तिबद्ध हो केवल चलती हैं चीटियाँ, काले कोट वाले…
बचपन- Ayushi
मुझे समझ नहीं आती सबकी बातें बस अपनी मर्ज़ी का करता हूं लाख मुझे कोई क्यूं ना समझाए मगर ज़िद पर अपनी अडिग रहता हूं सब कहते ये मत कर…
बचपन की शरारतें – जैनेन्द्र प्रसाद रवि’
जब कोई फल भाता, दूर से नज़र आता, छिप कर बागानों से, टिकोले को तोड़ता। गाँव की हीं महिलाएँ, कुएँ पर पानी भरें, पीछे से कंकड़ मार, मटके को फोड़ता।…
मेरे प्रश्नों के उत्तर- अवनीश कुमार
अम्मा तुम तो कहती है चाँद पर एक बुढ़िया जो है चरखा चलाती पर मुझे अम्मा क्यों ऐसा लगता चाँद पर बैठी बुढ़िया है ढोलक बजाती अम्मा तुम तो कहती …
प्रेम उपहार – जैनेन्द्र प्रसाद रवि’
प्रेम उपहार बाल भावना को स्पर्श करती रचना (मनहरण घनाक्षरी छंद में) नाजुक- कोमल कली, बागानों में जैसे माली, करे खूब देखभाल,बच्चे होते फूल से। कभी नहीं करें रोस, यदि…
परीक्षा परिणाम- दीपा वर्मा
आया परिणाम बच्चों का, उत्साह देखते बनता है। कुछ बच्चे हैं डरे-डरे, जाने क्या मेरा होना है। नए वर्ग मे जाना है,नयी किताबें, नयी कापियां, नया बैग ,सजाना है। परीक्षा…
पुस्तक – सुरेश कुमार गौरव
पुस्तक सच में ज्ञान का भंडार होती है सतत् शिक्षा ज्ञान रुपी बहती गंगा होती है! बचपन में पहली पुस्तक जब हाथ में आया ज्ञान की पहली सीढ़ी वर्णमाला से…