होली का त्योहार है आया, खुशियों की सौगात है लाया। सँग रंगों की उड़ान है लाया, होली का त्योहार है आया। लाल,गुलाबी,नीली,पीली, रंगों की बरसात है लाया। ढोल, मंजीरे और…
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वसंत- शैलेन्द्र भूषण
पुलकित नवीन किसलय ले नित कहता नयी कहानी मानवता की दुर्दशा देख उसकी भी खो गयी जवानी। सुरभित पवन से करता फागुन वसंत आगमन की तैयारी लाल, पीले, नीले फूलों…
शक्ति का रूप नारी – रामकिशोर पाठक
शक्ति का हीं रूप है नारी, पूरी सृष्टि समायी है। धरती से अम्बर तक जिसकी, धर्म ध्वजा लहरायी है। दादी, नानी, चाची, मामी, बुआ रूप में आयी है। भगिनी, जाया…
नन्ही आँखों में सपनों का जहाँ- सुरेश कुमार गौरव
भोली-सी आँखों में, सपनों का जहाँ है, निःस्वार्थ हंसी में, प्रेम अनंत यहाँ है। आशा के दीपक से, रौशन हैं राहें, बाल मन के रंग में, उजली हैं चाहें। ज्ञान…
जन्नत भी वही, जहांँ भी उसी से- अमरनाथ त्रिवेदी
जन्नत भी वही, जहाँ भी उसी से, पूछो दिल से राज, हर दिल के आईने से। किस रूप में उसे देखूँ, हर रूप में समाए, जीवन है उसी से, वह हर…
प्रेम की पराकाष्ठा- अवनीश कुमार
एक आहट जैसे प्रिय के पाँवों की हल्की चाप, एक सुखद अहसास ऐसे जैसे स्नेह रस से सींचती माँ, एक मनमोहक अनुभूति ऐसे जैसे कोयल की कूक, एक सुंदर मुखड़ा…
बिहार की गौरव गाथा – सुरेश कुमार गौरव
जननी थी यह ज्ञान की, वैदिक युग का मान था, गौतम की तपभूमि बन, बुद्ध का संज्ञान था। विष्णु का वरदान पाकर, जन्मा यह प्रदेश था, जनक की थी भूमि…
राष्ट्रीय विज्ञान दिवस- रामकिशोर पाठक
हम करें विज्ञान की बातें, देश के उत्थान की बातें। विज्ञान और नवाचार में, युवाओं को सशक्त बनाना। राष्ट्रीय विज्ञान दिवस सदा, जागरूकता चाहे लाना। केंद्रित रखकर इसी भाव को,…
जरा जरा-सी बात पर – अमरनाथ त्रिवेदी
जरा जरा-सी बात पर, दिल को कभी न रूठाइए। जरा जरा-सी बात पर, मन को कभी न दुखाइए। निज घर की गुप्त बातों को, बाहर कभी न फैलाइए। घर के झगड़ा झंझट को, घर में ही सुलझाइए। जब…
प्रकृति का संदेश- सुरेश कुमार गौरव
हरी-भरी यह धरती अपनी, इसको हमें बचाना है। पेड़ लगाकर, जल बचाकर, हरियाली फैलाना है॥ नदियाँ बहें सदा निर्मल-सी, कलुष नहीं जल करना है। नीला नभ हो,शुद्ध पवन हो,ऐसा जग…