सूरज भैया सूरज भैया क्यों है तुम्हारे गाल लाल क्या मम्मी ने तुम्हें डाँटा है या पापा ने मारा तमाचा है? ये गुलाबी नहीं दिखते मुझको तुम्हारे अंगारों से…
Category: Aasha Ichchha
बेटी की अभिलाषा – दिव्या कुमारी
पापा मेरी एक अभिलाषा, पढ़ -लिखकर मैं बनु महान । आपका नाम रौशन करु जग में, मेरी भी को अलग पहचान || पापा मेरी…. अलग होगी जब मेरी पहचान, पापा…
मोदी जी – नीतू रानी
विषय -मोदी जी। शीर्षक -बधाई हो बधाई तीसरी बार पीएम बनने पर बधाई, बधाई हो बधाई मोदी जी को बधाई —-२। आपका कार्य काल रहा सफल जैसे बहता गंगा जी…
सुरक्षित रहे प्राण- एस.के.पूनम।
विधा:-रूपघनाक्षरी (सुरक्षित रहे प्राण) तरु की पत्तियां झड़ी, मंजरी भी गिर पड़ी, पतझड़ के मौसम का यही है पहचान। चल रही गर्म हवा, पिघलने लगे रवा, आनन झुलस गये,अत्यधिक तापमान।…
कसक – गौतम भारती
ख्वाहिशें रह गई , दिल में चुभता रहा । बनके बे ज़ुबाँ तुम्हें तकता रहा ।। आश में मैंने जो पलकें बिछाई। 2 आहिस्ता ही सही पर ये दुखता रहा…
मन की बात – रत्नेश पण्डित पाण्डेय
बड़े दिनों बाद वह, घर अपने वापस आया बेटी के लिए कुछ गुड्डे-गुड़िए, बेटे को किताबें लाया। बच्चों में कैसा कौतूहल होगा, सोचा और मुस्काया, बड़े दिनों बाद वह, जब…
बस इतनी सी चाह- नीतू रानी
बस इतनी सी चाह, हम हो जाते लापरवाह। बस इतनी सी चाह, जब रास्ते चलने लगते हैं तो भटक जाते अपनी राह । बस इतनी सी चाह, जब पानी में…
पाप कर्म से डरें- एस.के.पूनम
विद्या:-मनहरण घनाक्षरी सीताराम-सीताराम,नयनाभिराम राम, प्रातःकाल नाम लेके,सूर्य को नमन करें। संसार है आलोकित,सूरज के प्रकाश से, ऊर्जा का संचार कर,तन का पीड़ा हरे। रौशन है हर राह,धूंध का निशान नहीं,…
मेरी अभिलाषा- जयकृष्णा पासवान
मैं पंछी बन उन्मुक्त गगन में, दुनियां का भ्रमण करुं। काली-घटा की बलखाती बादल में भींग जाऊं।। यह मेरी अभिलाषा है। मैं सूर्य के प्रकाश की तरह, प्रकाश-मान हो जाऊं।…
आहट – जयकृष्णा पासवान
वक्त अभी ठहरने का है, और समय बहुत परेशान हो- गया है। मन का अभी सुनिए मत, दिल अभी लहू-लुहान हो गया है।। अश्क़ का दरिया अभी, सुखता ही नहीं…