प्रीत जहाँ की रीत सदा-कुमकुम कुमारी ‘काव्याकृति’

प्रीत जहाँ की रीत है प्रीत जहाँ की रीत सदा, हम उस राष्ट्र की बाला हैं। जहाँ की माटी का कण-कण, मानवता का रखवाला है। भारत प्यारा देश हमारा, सब…

आर्तवाणी से पुकारा-जैनेन्द्र प्रसाद रवि

आर्तवाणी से पुकारा मेरे मोहन इन चरणों की अब तो दे दो सहारा। बिना मांझी यह जीवन नैया कैसे लगे किनारा।। जड़ चेतन सब तेरी माया, कण-कण में तू है…

सद्गुरु शत शत तुम्हे प्रणाम-दिलीप कुमार गुप्त

सद्गुरु शत शत तुम्हे प्रणाम  हे गुरुवर, हे दयानिधे! आपके हैं अनंत उपकार आत्मज्ञान की ज्योति जलाकर सदज्ञान का पियूष पिलाकर मानवता का किया उद्धार सद्गुरु शत शत तुम्हे प्रणाम।…

युगपुरुष स्वामी विवेकानंद-मनु कुमारी

युगपुरुष स्वामी विवेकानंद गुरु सेवाकर जिसने अपने जीवन में था सबकुछ पाया, जीवनकाल में हीं जिसने मृत्यु के रहस्य को ढूंढ निकाला, निज मुक्ति से बढ़कर जिसने राष्ट्र सेवा को…

चौपाई-देव कांत मिश्र दिव्य

केवट कथा आएँ निर्मल कथा सुनाएँ। भक्तों का हम मान बढ़ाएँ।। राम कथा में ध्यान लगाएँ। मनहर सुखद शांति नित पाएँ।। नाविक था गरीब वह केवट। नौका गंगा करता खेवट।।…