हमारा गौरव कर्मभूमि की करुणा है, यहां बाबू वीर कुंवर ने अवतार लिया। अस्सी के उम्र में उन्होंने, अंग्रेजों पर प्रहार किया।। अपनी वीरता का उन्होंने, इतिहास में पहचान दिया।…
Category: Bhakti
For the attainment of God in the world, for the welfare of the person, one has to do spiritual practice for salvation. For this, Bhakti is the best. Therefore, devotion to God and having prayer and meditation is called Bhakti.
बिहार की कहानी-निधि चौधरी
बिहार की कहानी मेरी मिट्टी के किस्से सदियों पुरानी, सुनाने मैं आई हूँ बिहार की कहानी। मैं नर में महावीर नारी में सीता, गंगा सी मैं हूँ, पावन सरिता। गज…
हम हैं बिहारी-कुमार संदीप
हम हैं बिहारी सिक्खों के दसवें गुरू गोविंद सिंह की पावन-पुनीत जन्मभूमि है बिहार भगवान बुद्ध, जिन्होंने विश्व को सिखाया शांति और अहिंसा का पाठ उनकी जन्मभूमि है बिहार हमें…
सुंदर ताज है बिहार-एम० एस० हुसैन “कैमूरी”
सुंदर ताज है बिहार बहुत पावन है यह तपोभूमि बहुतों ने है बनाया कर्मभूमि यह तो है उच्चावच में शुमार ऐसा प्रांत है तन्हा वह बिहार। जिसने किया है अपना…
गौरवशाली गौरव भूमि बिहार-अपराजिता कुमारी
गौरवशाली गौरव भूमि बिहार भारत के पूर्वी भाग में प्रसिद्ध ऐतिहासिक राज्य 99 हजार 200 वर्ग किमी क्षेत्रफल में विस्तृत बिहार। पटना है राजधानी, उत्तर में नेपाल दक्षिण में झारखण्ड,…
फणीश्वर नाथ रेणु-आलोक कुमार मल्लिक
फणीश्वर नाथ रेणु “मैला आँचल” रचने वाला कथा जगत के ध्रुव तारा पद्मश्री वापसी कर उसने लोकतंत्र किया उजियारा। “परती परिकथा” में उसने ग्राम्य ले जाकर किया विभोर “जुलूस” लेकर…
सृजनहार प्रभु-कुमारी अनु साह
सृजनहार प्रभु हे जग के सृजनहार प्रभु तुम हो पालनहार प्रभु। दुनिया बनाई कितनी सुंदर हरी धरती नीला समंदर नदियाँ, पहाड, चाँद, सितारे उडते रंग बिरंगे पंछी सारे मन को…
भारत माता-मनोज कुमार दुबे
भारत माता सौ बार जन्म लू धरती पर कुर्बान तुझी पर हो जाऊँ ! अपने तन की इस काया को न्योछावर तुझ पर कर जाऊँ ! ये शीश कटे या…
गंगा-जैनेन्द्र प्रसाद रवि
गंगा स्वर्ग से धरती पर आई, जन-जन की पातक नाशिनी गंगा। विष्णु के चरणों से निकली, शिव जटा निवासिनी गंगा।। विष्णुपदी, सुरसरी, जाह्नवी, कहीं मंदाकिनी बन जाती है। विविध नामों…
धरती माँ-कुमकुम कुमारी
धरती माँ माँ सी प्यारी धरा हमारी, हमको है प्राणों से प्यारी। देवों ने मिल इसे रचाया, वन-उपवन से इसे सजाया।। देखो कितनी लगती न्यारी, देती सुख-सुविधा है सारी। करें…