संविधान- लावणी छंद – राम किशोर पाठक नीति नियम का ग्रंथ यही है, जिसके सन्मुख समरस रहते। देश चलाते हैं हम जिससे, संविधान उसको कहते।। आजादी जब हमने पायी, हमको…
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राष्ट्र भक्त हम, कहलाएँ- वासुदेव छंद गीत राम किशोर पाठक
राष्ट्र भक्त हम, कहलाएँ- वासुदेव छंद गीत राष्ट्र हेतु हम, मिट जाएँ। राष्ट्र-भक्त हम, कहलाएँ।। आओ मिलकर, पले यहाँ। कदम मिलाकर, चले जहाँ।। गीत संग हम, यह गाएँ। राष्ट्र-भक्त हम,…
बिरसा मुंडा की जयंती-रामपाल प्रसाद सिंह ‘अनजान’
आजादी आधार, मिली जब से भारत को। दौड़ पड़े सबलोग,विनत हुए सु-स्वागत को।। सुनकर विस्मित मान,रहे हैं खुद को प्राणी। कितने तन बलिदान,हुए हैं जग कल्याणी।। श्रेष्ठों में से एक,आज…
भारत मांँ की बेटियांँ…राम किशोर पाठक
भारत माँ की बेटियांँ- प्रदीप छंद गीत धरती से अंबर तक फैली, जिसकी गाथा खास है। आज बेटियाँ भारत माँ की, रचती नव इतिहास हैं।। आँगन की कोमल कलियों ने,…
राष्ट्रीय एकता दिवस – राम किशोर पाठक
राष्ट्रीय एकता दिवस दिवस राष्ट्रीय एकता वाला। लेकर समरसता का माला।। आओ इसकी कथा सुनाएँ। सरदार पटेल से मिलवाएँ।। जन्म दिवस उनका है आज। संघटित भारत करने का काज।।…
देवदूत – जैनेन्द्र प्रसाद रवि
देवदूत(मनहरण घनाक्षरी छंद में)††††भाग-१देवदूत बनकर,लिया जब अवतार,वन गिरी जमीं संग, झूमा था गगन है। खुद जो गरल पीया,दूसरों के लिए जीया,ऐसे महा मानव को, दिल से नमन है। ‘पुतली’ के…
अनुपम गाँधी-शास्त्री- राम किशोर पाठक
गाँधी शास्त्री थें भारत के लाल। जन्में दोनों सुंदर देश विशाल।। अपने कर्मो से हरपल विख्यात। धन्य हुई दोनों से भारत मात।। सत्य अहिंसा दोनों के ही हाथ। जन जीवन…
नव भारत का निर्माण करें – बिंदु अग्रवाल
आओ भारतवासी मिल कर ज़न-ज़न का आह्वान करें, नव गति, नव लय, गीत नया हो नव भारत का निर्माण करें। निर्माण करें हम उस युग का जिसमें ज़न-ज़न का उत्थान…
भारत की जननी
धन्य है इस धरती की जननी,जो जनती ऐसे लाल को।अपने लहू से तिलक लगाते,भारत माँ के भाल को। सात रंग से उन्हें क्या मतलबखाकी उनकी पहचान है।जीते तिरंगा, मरते तिरंगा,तिरंगा…
हां मैं वही भारत हूं – बिंदु अग्रवाल
हाँ मैं वही भारत हूँ! हाँ मैं वही भारत हूँ!जिसने विश्व को सभ्यता का पाठ पढ़ायाउदित हुआ दिनकर जहाँ ,अपना प्रकाश फैलाया। हाँ मैं वही भारत हूँ!जहाँ बहती है पतित…