रोज निवारण पर्व- जैनेन्द्र प्रसाद रवि’

छंद :- मनहरण घनाक्षरी ****** चार दिवसीय पर्व, ख़ुशी ख़ुशी बीत गया, आज पावन पर्व का, हो गया पारण है। जाति-धर्म, ऊंच-नीच,भेद भाव छोड़ने का, मन में संकल्प हम, करते…

भैया दूज – अपराजिता कुमारी

ये जो बंधन है मजबूत रिश्तों का भाईयों और प्यारी बहनो का दुनिया का सबसे खूबसूरत रक्षासुत्र के धागे सा लिपटा अबुझ और है अनमोल रिश्ता बचपन से लड़ते झगड़ते…

चित्रगुप्त- नीतू रानी “निवेदिता”

सबसे पहले चित्रगुप्त का मतलब- चित्र-का मतलब तस्वीर यानि फोटो गुप्त-गुप्त का मतलब अंदर की बात बाहर प्रकट न हो यानि गुप्त बात। आज है चित्रगुप्त महाराज जी का पर्व…

भाईदूज गीत -नीतू रानी” निवेदिता”

हे ननदों आय छीयै भाई दूज त्योहार हे आबै हेथिन भैया हमार हे ना। निपलौं गोबर सेअ अंगना घर अरबाज चौर पीसी बनेलौं ऐरपन, हे ननदो ताहि पर देलौं सिन्दूरक…

दीपावली – एम के शशि

दीपों की जगमग से, आशियाना खिल गया। उसको भी जैसे , मुस्कुराने का सवब मिल गया। त्यौहार आया,जगमगाते हैं दीप हर घर में, खुशियों के द्वार खुले,रौनक हर घर में।…

दिवाली की सौगात – जैनेन्द्र प्रसाद रवि’

आओ मिलकर दीप जलाएं दिवाली की रात में, दिल का अंधेरा दूर है होता प्रेम की सौगात में। दिन रात एक कर घरों को सजाते हैं, परिजन मिलकर रंगोली बनाते…