दहलीज में सिमटी जिंदगी का सबक- विकास कुमार

भीड़ भरी इस दुनिया में कूप सन्नाटा पसरा है। जब हवा ही कातिल हुई, फिर किस सांस का आसरा है।। घुटनों के बल अब सत्ता है। दंभ, ज्ञान,सामर्थ्य अब, लगता…

TEACHER-नीतू रानी

विजय सर आप क्यूँ चले गए। आप क्यूंँ चले गए कौन संभालेगा पद्यपंकज का कार्य रो रहा आपके लिए टी ओ बी परिवार आप क्यूँ चले गए। आप थे मृदु…

भूकंप-लवली कुमारी

भूकंप तेज आंधी और सुनामी हुद हुद जैसे तूफान  भूकंप आई है लेकर  अपने साथ कितने सामान। जहां बिखर कर रह गए हैं सबके अरमान  कैसा तू लाया है  अपने…