दिवाली आई दिवाली खुशियाँ लाई लक्ष्मी मैया घर है आई जगमग करते आँगन सारे कली लता है रंग उभारे बाबू जी हैं लाई मिठाई दीप जलाकर खुश है माई कुबेर…
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वर्षा ऋतु-नूतन कुमारी
वर्षा ऋतु वर्षा की रुत है बड़ी सुहानी, वर्षा तू ऋतुओं की है रानी, कभी तरसाती बूंद-बूंद को, कभी बरसती है घोर-घनी। तेरे आगमन से मन झूम उठा, जनजीवन में…
वर्षा-रानी कुमारी
वर्षा तपी हुई थी धरती, गर्मी के प्रकोप से चुपके-चुपके एक बूँद गिरी बादलों के ओट से पंछी चहके, धरती महके, सौंधी-सौंधी खुशबू लाई वर्षा आई, वर्षा आई वर्षा है…
पटरी पर लौटती जिंदगी-अर्चना गुप्ता
पटरी पर लौटती जिंदगी छाई है जो ऐसी महामारी हाहाकार मची बड़ी भारी सांसत में है सबकी जान हो गई है ऐसी लाचारी भूख से सब बेबस हो निकले गुजर-बसर…