कर दे निहाल माता, मेरे सपनों को जगा दे। जैसी हो तेरी मर्जी, माँ अपनी शरण लगा ले। करता हूँ तेरा वंदन, तेरा स्नेह चाहता हूँ। अब तक तुझसे जो मिला है, उसमें कुछ और तू बढ़ा…
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वीणा की झंकार – रत्ना प्रिया
प्रकृति के मनोहर आँगन में, वसंत की बहार है, वागेश्वरी के वीणा की, गूँजती झंकार है। श्वेत पद्म व श्वेत वस्त्र हैं, श्वेत वाहन धारती, नीर-क्षीर-विवेक प्राप्त जो सदभक्तों को…
सरस्वती वंदना- रूचिका
हे वीणावादिनी! देवी सरस्वती, हमें कष्टों से उबार दें। मूढ़मति हम संतान तुम्हारे, हमें ज्ञान का उपहार दे। अज्ञानता का अंधकार छाया, राह हमको समझ न आया हे वीणापाणि शारदे…
सरस्वती वंदना – सुरेश कुमार गौरव
वीणा वादिनी, ज्ञान की देवी, माँ शारदे, करूँ मैं अर्पण। बुद्धि, विवेक, नीति की ज्योति,तेरे चरणों में समर्पण॥ बालक बनें सुमति के धानी, माँ, दो शुभ संकल्प विचार। सत्य, धर्म,…
प्रार्थना – देवकांत मिश्र ‘दिव्य’
हंसवाहिनी, ज्ञानदायिनी करें धवल शुचि मन-अभिराम। आए हैं हम शरण तुम्हारी, विनय करें शुभदे निष्काम।। हाथ जोड़ माँ द्वार खड़े हैं जप-तप पूजन से अंजान। करें साधना मातु शारदे! कर…
मंगलकर्त्ता गणेश – रत्ना प्रिया
हे गजानन, विघ्नविनाशक, आप हैं मंगलकर्त्ता। हे विनायक, शुभ बुद्धिदायक, कष्ट हरो दु:खहर्त्ता।। आए हैं प्रभु, शरण तिहारी, जीवन मंगल कर दो, दुर्बुद्धि, छल का भाव, मिटा दो, मन में…
हे मुरारी! अब लाज बचाओ- विवेक कुमार
हे मुरारी! अब लाज बचाओ ये कैसी विपदा आन पड़ी, चहुंँओर अंधियारा छाया है, अपने ही बने भक्षकगण से, हे मुरारी! अब लाज बचाओ। सृष्टि की जननी का मान नहीं,…
विनती हमारी-मनु कुमारी
जय -जय अम्बे,जय जगदम्बे, सुन लो अरज हमार। सकल जगत की तू हो माता , विनती सुनो हमार। तू हो माता ब्रह्म स्वरूपा, अविगत,अलख, अनादि अनूपा। सत्य सनातन तू हो…
प्रभाती पुष्प – जैनेन्द्र प्रसाद रवि’
मनहरण घनाक्षरी छंद हर साल नवरात्रि, माता की चरण आवे, पूजा बिना सुना लगे महल अटरिया। धन पद सुत दारा, कुछ दिनों का सहारा, चाहत में यूं ही सारी बीती…
हे माँ शारदे हे माँ शारदे-माला त्रिपाठी मालांशी
हे माँ शारदे हे माँ शारदे करें साधना हम विजय वृति दो माँ। करें वंदना हम विनय दृष्टि दो माँ तिमिर को मिटायें ज्योति हम जगाएँ, हृदय हो आलोकित यही…