हमारी कविता-गिरिधर कुमार

हमारी कविता मुझे पता नहीं कैसी है हमारी कविता सुंदर, असुंदर या और कुछ बच्चों की किलकारियाँ शरारतें स्लेट पर खींची आड़ी तिरछी रेखाएँ  उनमें झाँकती भविष्य की आशाएँ  पतंग…

गुड़िया रानी-नीतू कुमारी

गुड़िया रानी  गुड़िया रानी, गुड़िया रानी बुद्धि में तू, बड़ी सयानी। अपने मन की, हो महारानी नानी से सुनती हो, रोज कहानी । बिहार की हो, रहने वाली पटना है…

मेरी फुलवारी-कुमारी अनु साह

मेरी फुलवारी मैंने लगाई एक फुलवारी सुंदर-सुंदर प्यारी प्यारी । गेंदा, गुलाब, चंपा, चमेली जूही, केतकी उजली बेली । कितने सारे फूल लगाए सबके मन को ये भाए । जब…

दिनकर-एकलव्य

दिनकर रातों को दिन में बदले, दिनकर वही कहलाते थे सत्ता का पैर जब फिसले राष्ट्रकवि तब हाथ बढ़ाये थे, सत्ता में रह सत्ता का मर्दन दिनकर ही कर सकते…

नृत्य-अपराजिता कुमारी

नृत्य सृष्टि के कण-कण में जन जन के मन मन में शारीरिक भाव भंगिमाओं में मानवीय अभीव्यक्तियों का रसमय प्रदर्शन है नृत्य परमात्मा की आराधना, साधक की साधना देवी, देवताओं,…

बच्चे और विद्यालय-संयुक्ता कुमारी

बच्चे और विद्यालय बच्चे तो बच्चे होते हैं मन के बड़े सच्चे होते हैं।। ये वो फूल है जिनके बिना विद्यालय लगते बहुत वीराने ।। होते जब विद्यालय में विद्यालय…

हिंदी हमारी शान-शालिनी कुमारी

हिंदी हमारी शान हिंदी हमारी आन है हिंदी हमारी शान है हिंदी हमारी चेतना वाणी का शुभ वरदान है हिंदी हमारे देश के मातृभाषा की पहचान है हिंदी की प्रगति…