विनाश की आंधी दूसरा हिटलर के सामने दुनिया नतमस्तक है, आज तीसरा विश्व युद्ध दे रहा दस्तक है। कलम मौन है केवल आज तोप गुर्राता है, रह रह कर एक…
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राष्ट्रपिता-नीतू रानी “निवेदिता”
राष्ट्रपिता आज है 02 अक्टूबर का दिन आज का दिन है बड़ा महान, आज हीं जन्म लिए मेरे बापू हम सब मिलकर करते हैं इन्हें नमन। 02 अक्टूबर 1869…
जल जीवन हरियाली-प्रिती कुमारी
जल जीवन हरियाली है चहुँ ओर हरियाली और चली हवा मतवाली, धरती अम्बर सब डोले जब बाग में पपीहा बोले । जब पुरबा ले अंगराई नभ में बदरी छाई, फिर…
कैसी व्वस्था-संयुक्ता कुमारी
कैसी व्यवस्था कैसी है हमारे सभ्य समाज की व्यवस्था? कोई कब समझेगा गरीब की अवस्था? आवाज उठाओ हो रहा है अत्याचार। चहुँ ओर से घिरे देखते हैं, हम बन लाचार।।…