अदृश्य शक्ति -जयकृष्ण पासवान

कण-कण में तू व्याप्त है, निराकार बनके मौन । हर लम्हा होता महसूस तेरा, तेरे बिना उबारे कौन।। विश्वास फूल की माली बनी, सुगंध तेरा बसेरा। भंवरे तो परागन ले…

खुद को दीप्तिमान कर – कुमकुम कुमारी “काव्याकृति”

शांति से सहन कर,अहं का दमन कर, बेकार तकरार में,वक्त न गवाइए। आलस्य को तज कर,खड़ा रह डट कर, विपरीत धार में भी,आगे बढ़ जाइए। चल तू संभल कर, पग…

वीर बन, युद्ध कर-मधु कुमारी

वीर बन, युद्ध कर ——————— स्थिति परिस्थिति कितने भी हो प्रतिकूल तुम अपनी आत्म शक्ति पहचान, मत भूल चाहे राह में हो अनेकों…….. शूल ही शूल तू युद्ध कर, उड़ा…

नन्ही चिड़िया-अमृता सिंह

नन्ही चिड़िया उठ चिड़िया अब आंखे खोल तुझे अम्बर छूने जाना है, अपने नन्हे-नन्हे कदमों पर अपना भार उठाना है। हरे-भरे खेतों से तुझको दाना पाने जाना है, सुदूर झरने…