किसान-एस.के.पूनम

रश्मियां निकल आईं,पूरब में लोहित छाईं, कृषक तराने गाएं,अभी प्रातःकाल है। निकला विस्तर छोड़,देखा खेत-खलिहान, किसानों का मुखड़ा भी,देख खुशहाल है। धूप से तपती धरा,धूल से गगन भरा, स्वेद से…

आओ मन का अंधकार मिटाए – संजय कुमार

आओ मन का अंधकार मिटाए, प्रेम भाव का एक दीप जलाएं। कद्र करें सबकी भावनाओं का, वैर और आपसी रंजिश मिटाए। आओ मन का अंधकार मिटाए, प्रेम भाव का एक…

ऐसी दीपावली मनाई – मीरा सिंह “मीरा”

अपने मन को अवध बनाई सियाराम को हिय बसाई। रोशन घर का कोना कोना ऐसी दीपावली मनाई।। घर आंगन की हुई-सफाई दीवारों की रंग पुताई। मन में मैल नहीं रह…

दोहावली – देव कांत मिश्र ‘दिव्य

आत्म ज्योति ज्ञानाज्य से, करें दीप्तिमय आज। लेकर नव संकल्प से, रखिए सुखी समाज।। भाव हमेशा उच्च रख, करिए प्रभु से प्यार। अमित तोष आनंद की, खुशियाँ मिले अपार।। अवलि…

क्या होती है बेटियां

बेटियां क्या होती है…. बेटा वंश तो अंश होती है बेटियां दो कुलों की आन-बान-शान होती है बेटियां कुदरत जब हो मेहरबां तो परियों के देश से आती है बेटियां…