सोन चिरैया गौरैया – सुरेश कुमार गौरव

वर्तमान में पक्षी जगत की गौरैया अब विलुप्ति के कगार पर है। कहां चली गई कभी मेरे घर की मुंडेर की कोमल गौरैया, बचपन में कहते थे इसे छोटी ,प्यारी…

हमारी जिम्मेवारी- जैनेन्द्र प्रसाद रवि’

मनहरण घनाक्षरी छंद कल जिसे विदा किया, वह साल बीत गया, गुजरा जमाना अब- नमन पुराने को। छोड़ के पुरानी बातें, मिलकर काम करें, वक्त फिर आया गिले- शिकवे भुलाने…

किसान-एस.के.पूनम

रश्मियां निकल आईं,पूरब में लोहित छाईं, कृषक तराने गाएं,अभी प्रातःकाल है। निकला विस्तर छोड़,देखा खेत-खलिहान, किसानों का मुखड़ा भी,देख खुशहाल है। धूप से तपती धरा,धूल से गगन भरा, स्वेद से…

आओ मन का अंधकार मिटाए – संजय कुमार

आओ मन का अंधकार मिटाए, प्रेम भाव का एक दीप जलाएं। कद्र करें सबकी भावनाओं का, वैर और आपसी रंजिश मिटाए। आओ मन का अंधकार मिटाए, प्रेम भाव का एक…