विषपान-धर्मेन्द्र कुमार ठाकुर

विषपान सोचना हमें किस पथ पर चलना होगा सामने है संकटों का जखीरा पत्थरों का ढेर है रास्ते है टेडी-मेड़ी सामने काँटो भरा पेड़ है। हीत-अनहित की बात मत कर…

आज की नारी मोहताज नहीं किसी की-विवेक कुमार

आज की नारी मोहताज नहीं किसी की प्रकृति की हसीन वादियों की नूर है नारी, सृष्टि की अमिट निशानी पालनहार है नारी, युगों युगों से सामाजिक कुरीतियों से घिरती चली…

आओ चलें स्कूल फिर खुल गए स्कूल-मो. नसीम रेजा

आओ चलें स्कूल फिर खुल गए स्कूल आओ चलें बच्चों फिर तुम्हें स्कूल चलना है। कोविड से लड़ते हुए तुम्हें पढ़ाई पूरी करना है।। आओ चलें स्कूल….फिर खुल गए स्कूल….2…

स्वर्ग से सुन्दर सपनों से प्यारा-मनु कुमारी

स्वर्ग से सुन्दर सपनों से प्यारा स्वर्ग से सुन्दर सपनों से प्यारा है अपना परिवार। प्रेम, स्नेह, एकता से लगता है सुन्दर घर संसार।। किसी का साथ न छूटे भले…

आओ पाठ पढ़ाएं-संगीता कुमारी सिंह

आओ पाठ पढ़ाएं हम शिक्षक दायित्व हमारा, छात्रों का भविष्य गढ़ जाएं, आओ पाठ पढ़ाएं। कार्ययोजना बनाकर हम पठन और गतिविधियां करवाएं। बच्चों के स्तर के अनुकूल, शिक्षण विधियों को…

आगमन-मधु कुमारी

आगमन देखो नई किरण बन नई सुबह का कितना सुहावना आगमन हो रहा है काली अंधेरी निशा का, प्रातःकाल किरणों के आने से गमन हो रहा है…… उषा का नव…