सोचो कैसे बच पाओगे-विजय सिंह नीलकण्ठ

सोचो कैसे बच पाओगे  हर ओर गंदगी फैली है  पर्यावरण हो गई मैली है  क्या करेगा पौधा बेचारा  गंदगी देख थककर हारा।  न जल की निकासी दिखे कहीं  घर के…

सरिता-मनु कुमारी

सरिता सरिता ! हां, मैं हूँ सरिता! मैं हीं हूँ तनूजा ! परोपकार की जीती जागती मूर्ति, अपने लिए कुछ नहीं सोचती, मुझे आता है सिर्फ देना, सृष्टि के समस्त…

उम्मीदों का आकाश कभी झुकता नहीं-ब्रह्मकुमारी मधुमिता

  उम्मीदों का आकाश कभी झुकता नहीं  हौसले की उड़ान भर तू राही, कभी थमना नहीं… चलता चल जीवन पथ पर, क्योंकि… उम्मीदों का आकाश कभी झुकता नहीं.. बाधाएं तो…

नशा मुक्ति अभियान-जैनेन्द्र प्रसाद रवि

नशा मुक्ति अभियान अब तो नशा छोड़ो भाई, क्यों जीवन बिताए बेकार में? समाज भी तिरस्कार करेगा, नहीं होगी शांति परिवार में।। बीड़ी, सिगरेट और तंबाकू, डाले डाका बनकर डाकू।…

पालनहारा-संगीता कुमारी सिंह

पालनहारा धरती मॉ का हरियाला आंचल है वृक्ष, प्रकृति का श्रृंगार प्राणी का पालनहारा है वृक्ष। सांंसो के चक्र में, निर्मल प्राणवायु का, प्रदाता है वृक्ष। सुंदर पुष्प प्रसून, खिलती…

निज संस्कृति-दिलीप कुमार गुप्त

निज संस्कृति आँवला बरगद पीपल की पूजा पथिक पाता सघन शीतल छाया द्वारे-द्वारे निबोली संग पवन निरोगी काया मन थीर प्रसन्न निज संस्कृति को शत-शत नमन। घृत कुमारी अश्वगंधा गिलोय…