पथिक कंटक निर्जन राह से बचकर निष्कंटक मार्ग चलना होगा असत्य की भीड़ से पृथक सत्य संबल अपनाना होगा। पथिक! जीवन पथ सुगम होगा। अपेक्षाओं से दूर निकल कर वर्जनाओं…
Category: sandeshparak
Sandeshparak poems are poems that are used to convey a message with feelings. Through poems, statements related to the country, the world, and society are transmitted to the people. Teachers of Bihar give an important message through the Sandeshparak of Padyapankaj.
मोबाईल की दुनियां-सुरेश कुमार गौरव
मोबाईल की दुनियां कल तक अपनी कलम से, लिखावट की बाते थीं! डाक से अपनों को पत्रादि, भेजने की आदतें थीं!! अब जब इस मोबाइल तीव्रतम का, आया जमाना! नई…
We shall overcome-Manju Rauth
We shall overcome We shall overcome, we shall overcome Come unite together, come fight together Come join hands to hand to make a change Come stand together to make a…
मंजिल-अर्चना गुप्ता
मंजिल पथ की बाधाओं से डरकर दुख की झंझाओं से थककर हे पथिक ! तुम हार न जाना बस अनवरत चलते जाना है पहुँच…
उंगलियां अब व्हाट्सएप चला रही हैं-सैयद जाबिर हुसैन
उंगलियां अब व्हाट्सएप चला रही हैं यह सजा है कि मजा है, ये खुद को भी नही समझ पा रही हैं। उंगलियां अब व्हाट्स_एप चला रही हैं। कभी फेसबुक पर…
दोहावली-विनय कुमार ‘ओज’
दोहावली ज्ञान और अनुभव बिना, लगे कठिन सब काज। मेहनत वो बेकार सा, नहीं अगर ये साज़।१। शिखर सफलता के चढ़ो, मत खोना तुम आस। पर पीछे मुड़ देखना, अपने…
माता पिता-स्नेहलता द्विवेदी ‘आर्या’
माता पिता मात पिता धन मानिये, दियो शरीर बनाय। ता पर माँ ममतामयी, प्रथम गुरु बन धाय।। खेल कूद कर बढ़ रहे, अब देखो कुलराई। शिक्षा शिक्षक के बिना, खोज…
School on mobile से फर्क पड़ता है-धीरज कुमार
School on mobile से फर्क पड़ता है जरा सोचिए जब कुछ अच्छा हम करते है तो उसका जीवन पर फर्क पड़ता है। टीचर्स ऑफ बिहार की हर नई पहल का…
सोचो कैसे बच पाओगे-विजय सिंह नीलकण्ठ
सोचो कैसे बच पाओगे हर ओर गंदगी फैली है पर्यावरण हो गई मैली है क्या करेगा पौधा बेचारा गंदगी देख थककर हारा। न जल की निकासी दिखे कहीं घर के…
सरिता-मनु कुमारी
सरिता सरिता ! हां, मैं हूँ सरिता! मैं हीं हूँ तनूजा ! परोपकार की जीती जागती मूर्ति, अपने लिए कुछ नहीं सोचती, मुझे आता है सिर्फ देना, सृष्टि के समस्त…