राही-अशोक कुमार

राही जिंदगी के राहों में, रोड़े बहुत आएंगे। संभल संभल कर चलना होगा, कभी खाई कभी गहराई में।। हम राही एक मगर, पथ अनंत होगा। ऊं सही एवं गलत की,…

हिम्मत और दिव्यांगता-सन्नी कुमार

हिम्मत और दिव्यांगता तेरी हिम्मत और हौसला  ऊंची सोच है तेरी पहचान। दिव्यांगता भी हारेगी  होगा जग में तेरा नाम। खुद अपने पर यकीन रख तु  कठिन रास्ते पर बढ़ाना…

तू मानव है-डॉ अनुपमा श्रीवास्तवा

तू मानव है जब-जब मानव को अभिमान हुआ सर्व-श्रेष्ठ होने का भान हुआ, कुदरत ने तोड़ा दंभ तेरा तुझे तुच्छ अहं का ज्ञान हुआ। तूने “वसुधा” की हरियाली को बनकर…

कर्मवीर-डॉ स्नेहलता द्विवेदी ‘आर्या’

कर्मवीर जीवन कब शोक मनाता है, कर्मवीर भी मारा जाता है। उठकर प्यारे अब धीर धरो, संघर्ष से क्यों घबराता है। जीता है और हम जीतेंगे, कहो कौन हमें डराता…

स्वच्छता-शुकदेव पाठक

स्वच्छता आदर्श जीवन वह होता मानव जिसमें व्यवस्थित रहता। जीवन सही आदतों का मेल वरना, हम जीवन में फेल। बच्चों, सफाई की आदत डालो इसमें अपने आप को तुम ढालो।…

मैं-धीरज कुमार

मैं कभी सोच कर समझा कभी कि कौन हूं मैं ? इस धरती पर जन्मा कहां से आया हूं मैं ? कई रिश्ते नाते बने मुझसे कितने निभा रहा हूं…

किताब-रीना कुमारी

किताब बच्चों! मैं हूँ किताब जो सभी के जीवन को बदल दूँ, सबके जीवन को रंगीन सपनों से भर दूँ। केवल सबको मुझे पढ़ना है और गढ़ना है, तब मुझको…