चिड़ियाँ का घर नन्हे-नन्हे “तिनके” लेकर जाती कहां हो बोलो उड़कर, सुबह से शाम तक चुनती हो तुम चिड़िया रानी फुदक-फुदक कर। तेरे तिनके की “गठरी”को जहां कहोगी मैं रख…
Category: sandeshparak
Sandeshparak poems are poems that are used to convey a message with feelings. Through poems, statements related to the country, the world, and society are transmitted to the people. Teachers of Bihar give an important message through the Sandeshparak of Padyapankaj.
हंस किसका-सुधीर कुमार
हंस किसका बड़ी सुहानी सुबह थी उस दिन, खिले हुए थे फूल वहां। शीतल मन्द पवन थी बहती, थे घूम रहे सिद्धार्थ जहां। तभी एक हंस रोता चीखता, गिरा सामने…
आज ये सोचें-संगीता कुमारी सिंह
आज ये सोचें हम कहाँ हैं? आज ये सोचें, हम यहाँ क्यों हैं? आज ये सोचें, हर गली, हर मोड़ पर, खड़ा है कोरोना, बच्चों की किलकारियां कहाँ हैं? आज…
जल जीवन हरियाली-शुकदेव पाठक
जल जीवन हरियाली धरती की प्यारी हरियाली जन–जीवन के लिए निराली मानव सहित सभी को खास जल पर है जीवन की आस। हरियाली पौधों से रहता नदियों–झरनों में जल बहता…
कोरोना काल-रूचिका
कोरोना काल संकट की घड़ी है, मुसीबत बड़ी है, मगर हौसलों के आगे छोटी पड़ी है, धैर्य और संयम बनाए रखिये सभी, यह हमारे इम्तिहान की घड़ी है। गैर जरूरी…
मैं पेड़ हूँ-प्रियंका कुमारी
मैं हूँ पेड़ सृष्टि का मैं संतुलन बनाए रखता हूँ, प्रकृतिक का मैं सोलह श्रृंगार हूँ, धरातल पर मुझसे ही है जीवन, जीवन जीने का मैं ही आधार हूँ, मैं…
अशिक्षा का अंत करें-सुरेश कुमार गौरव
अशिक्षा का अंत करें सर्व शिक्षा अभियान का है, लक्ष्य पूरा करना! सभी बच्चों तक शिक्षा जोत है, जरुर पहुंचाना!! 📖 🖌️🖍️ साक्षरता मिशन का लक्ष्य है, सबको साक्षर बनाना!…
वृक्ष लगाओ-मनु कुमारी
वृक्ष लगाओ वृक्ष लगाओ, जीवन बचाओ। वृक्ष है जीवन का आधार इसलिए वृक्ष लगाओ यार। वृक्ष से फल सभी को मिलते जिससे शरीर को सभी विटामिन मिलते। फल, फूल, तेल…
दोनों है एक समान-विजय सिंह नीलकण्ठ
दोनों है एक समान बेटा बेटी एक समान रखें सभी अब इसका ध्यान अंतर न है इसको जान दोनों पर सबको अभिमान। एक ही मॉं के कोख में पलते एक…
नर और नारी एक समान-ब्रह्माकुमारी मधुमिता ‘सृष्टि’
नर और नारी एक समान आओ करें हम सृष्टि का सम्मान मिलकर बढायें एक दूजे का मान नर और नारी एकसमान परमात्मा के हैं हमसब संतान आओ करें उनकी महान…