श्यामली सूरत मनहरण घनाक्षरी छंद गगन सा श्याम वर्ण- सुध बुध खोया देख, चैन को चुराती तेरी, श्यामली सूरत है। मुरली तो अधरों से करता है अठखेली, दिल को लुभाती…
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आह -बैकुंठ बिहारी
आह पल पल प्रत्येक हृदय से निकलती आह, कभी कुछ पाने की आह, कभी कुछ खोने की आह, कभी स्वार्थ सिद्धि की आह, कभी परार्थ सिद्धि की आह, कभी विश्वास…
वाणी -रामकिशोर पाठक
वाणी- दोहे वाणी सबसे बोलिये, हर-पल सुंदर सत्य। मन को जो शीतल करे, सन्मुख रखकर तथ्य।। मधुर सरस वाणी सहज, रख-कर सुंदर सोच। व्यक्त करें शुभ भाव नित, भरे न…
दुआएं भी असर करता… एस.के. पूनम
🙏ऊँ कृष्णाय नमः🙏विधा:-विधाता छंद।(दुआएं भी असर करता) चली ठंडी हवा साथी,रहें छुपकर निलय में ही। दिवाकर राह मोड़े हैं,गगनचर भी शरण में ही। रहे खुशहाल हर पल वह,ढका निर्धन गरम …
समय -बैकुंठ बिहारी
समय समय है सबसे शक्तिशाली, समय है बड़ा बलवान, समय की हर एक घड़ी का, करना है सम्मान, समय ही किसी को राजा बनाता, समय ही किसी को रंक बनाता,…
मंजिल बुला रही है मोहम्मद आसिफ इकबाल
| मंज़िल बुला रही है | क्यों मुरझाए बैठे हो? शीष झुकाए बैठे हो! देखो मंजिल बुला रही है, बाँध कमर तुम दौड़ लगाओ । समय गंवाए बैठे-बैठे किस सोच…
छुआछूत-जैनेंद्र प्रसाद
छूआछूत कोई नहीं छोटा बड़ा, सबको समान गढ़ा, आमिर-गरीब होना, तो मात्र संजोग है। ईश्वर की रचना में- विविध प्रकार जीव, तुलसी के सभी दल, का होता प्रयोग है। ऊंँच-नीच…
विदाई -रामकिशोर पाठक
विदाई – महा-शिववदना छंद गीत नम आँखों में है, प्यार भरा कैसा। छलक रहा मोती, सागर के जैसा।। पल सुंदर आया, हर्ष लिए सब है। द्रवित सभी काया, धन्य हुआ…
ऊंचाई भी क्या चीज-गिरिंद्र मोहन झा
ऊंचाई भी क्या चीज होती है, आकाश की ऊंचाई से देखो, धरती पर के शिला-गिरि छोटे दिखाई देते हैं, धरती पर से देखो तो तारे छोटे दिखाई देते हैं, ऊंचाई…
कान्हा..रामकिशोर पाठक
कहमुकरी ख्वाब सजाकर रखती हूॅं नित।उन्हें छुपाकर रखती हूॅं चित।।रहती फिर भी जग में तन्हा।क्या सखि? साजन! न सखी! कन्हा।।०१।। याद उन्हें ही कर मैं खोयी।चरणों में सिर रखकर सोयी।।करे…