मनहरण घनाक्षरी- देव कांत मिश्र ‘दिव्य’

प्रातः हम जग जाएँ, शीतल समीर पाएँ, प्राची की लालिमा देख, कदम बढ़ाइए। हरे-भरे तरु प्यारे, लगते सलोने न्यारे, इनके लालित्य पर, मन सरसाइए। नदी का पावन जल, बागों के…

रिश्ते दिलों के- मनु कुमारी

रिश्ते दिलों के निभाये हैं हमने, गमों में भी अक्सर मुस्कुराये हैं हमने। है बहुत हीं प्यारा ये नाजुक सा बंधन, फूलों की भांति संवारा है हमने। कभी डांट फटकार…

कुंडलिया- देव कांत मिश्र ‘दिव्य

माता की आराधना, करो सदा प्रणिपात। अंतर्मन के भाव में, भरो नहीं आघात।। भरो नहीं आघात, कर्म को सुंदर करना। मन की सुनो पुकार, पाप को वश में रखना। पढ़कर…

होली-प्रीति

होली होली आई होली आई रंग बिरंगी खुशियां लाई लाल पीले हरे नीले चटक गुलाबी और चमकीले रंगों से भर भर पिचकारी राधा मोहन खेले होली आओ प्यारे बच्चों आओ…

रंगोत्सव- मधु कुमारी

रंगोत्सव ——— चली रंगोत्सव की बयार सब पर छाया प्रेम खुमार एहसास भर पिचकारी में शब्द रंग उड़ाऊँ, मैं बेशुमार प्रीत रस की छाई मीठी फुहार भींगे एक दूजे संग…

बधाई हो बधाई-मधु कुमारी

बधाई हो बधाई ——————- बधाई हो बधाई, कि शुभ बेला आई हो गए हम गौरवशाली, टी०ओ०बी० का हैप्पी बर्थडे सबने उल्लासित हो मिलकर मनाई शिक्षा जगत में थे हम नवसिखिए…

चलो दिवाली मनाएं-बीनू मिश्रा भागलपुर

चलो दिवाली मनाएं आओ बच्चों दिवाली मनाएं मन में उत्साह उमंग है छाई चलो दीपों की पंक्तियाँ सजाएं भीतर के अंधियारों को हम मिलकर दूर भगाएं रंग रोगन से सारे…

कारावास में जन्मे मुरारी-मधु कुमारी

करावास में जन्मे मुरारी कारी अंधियारी रात में जन्मे थे मुरारी कारावास भी खुल गया और खुल गई …………..बेड़ियाँ सारी…………….. देख कान्हा की सांवली मोहिनी मूरत धन्य हुए वसुदेव संग…