हजार पैबन्द लगी चिथड़े चिथड़े से बुनी बनी टुकड़ों में बुदबुदाती कविता… रास्ते के उदास मील के पत्थर की तरह अगले शहर की दूरी भर बतलाती भावशून्य हो गयी…
Category: Wedna
आज की कविता-गिरिधर कुमार
आज की कविता संकोच कुछ नहीं है अब कहने में की हारने लगी है कविता कि मेरी कविता अब म्लान रूग्ण और बेजान हो गयी है। झूठ के उत्साह से…
जिंदगी अब ऑनलाइन बनकर रह गई-मंजू रावत
जिंदगी अब ऑनलाइन बनकर रह गई जिंदगी अब ऑनलाइन बनकर रह गई, स्वतंत्र रूप से उड़ने वाले, चारों ओर घूमने वाले, घरों में कैद होकर रह गए, जिंदगी अब ऑनलाइन…
जिंदगी अब ऑनलाइन बनकर रह गई-मंजू रावत
जिंदगी अब ऑनलाइन बनकर रह गई जिंदगी अब ऑनलाइन बनकर रह गई, स्वतंत्र रूप से उड़ने वाले, चारों ओर घूमने वाले, घरों में कैद होकर रह गए, जिंदगी अब ऑनलाइन…
कब तक कब तक-लवली कुमारी
कब तक कब तक कोरोना…
कोरोना-स्मृति कुमारी
कोरोना कोरोना ने कहर बरपाया है, चारो ओर अंधेरा छाया है। गॉंव मुहल्ला देश विदेश इसने जाल बिछाया है।। कोरोना ने कहर बरपाया है चारो तरफ अंधेरा छाया है। कैसी…
रौनकें वापस लौटा दो-रूचिका
रौनकें वापस लौटा दो स्कूल की दीवारें और खेल की मैदानें हर दम हर पल ये पूछ रही है। कब गूँजेगी कहकहे, कब लौटेगी रौनकें हरदम हर पल ये पूछ…
भूकंप-लवली कुमारी
भूकंप तेज आंधी और सुनामी हुद हुद जैसे तूफान भूकंप आई है लेकर अपने साथ कितने सामान। जहां बिखर कर रह गए हैं सबके अरमान कैसा तू लाया है अपने…
विद्यालय बस एक भवन रह गया-अमृता सिंह
विद्यालय बस एक भवन रह गया सुने विद्यालय की आंगन में निगाहें ढूंढती रहीं फ़टे कागज के टुकड़े वो उड़ते जहाज, वो कॉपी के पन्ने वो कागज की नाव, मेरे…
सांसों के लिए संघर्ष-एस. के. पूनम
सांसों के लिए संघर्ष मानव ज्ञान की उस सीमा को छू लिया, भौतिक सुखों के हर आयामों को पा लिया, पर प्रतीत होता है कि अभी भी कुछ शेष है,…