गुरू प्रार्थना-गौतम भारती

Gautam

 गुरू प्रार्थना

शत-शत गुरू को बन्दगी..हाँ 2

तेरे चरणों में अर्पित 2 ये जिंदगी l

शत-शत गुरू को बन्दगी..हाँ 2

         तुम ही दाता भाग्य विधाता,

         तुम ही जग के पालनकर्ता l2

         सृष्टिकर्ता दुःख को हरता ,

         लालन-पालन तुम ही करता l

         समर्पित करता चरणों में तेरे 2

         तन-मन-धन और जीवन भी..

         शत-शत गुरू को बन्दगी.हाँ 2

         तेरे चरणों………………….,

         शत-शत गुरू को बन्दगी..हाँ 2

मार्ग दिखाने वाले तुम ही,

सफल बनाने वाले तुम ही l 2

तेरी  महिमा  अपरम्पारा ,

बिगड़ी बनाने वाले तुम ही ll

स्वर्ग सा अनुभव करता तेरे 2

शरण में आके हम सभी…

शत-शत गुरू को बन्दगी.हाँ 2

तेरे चरणों में…………………,

शत-शत गुरू…………………l

            जन्म-जन्म का तुमसे नाता,

            महिमा तेरी अगम मैं गाता l 2

            पास ही रखना अपने मुझको,

            दूर ना करना जीवन दाता ll

            करके नियति साफ ये भारती 2

            अपने को रखता तेरे साथ ही…

            शत-शत गुरू को बन्दगी..हाँ 2

            तेरे चरणों में अर्पित 2 ये जिंदगी..

             शत-शत गुरू को बन्दगी..हाँ 3

(समाप्त)

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