हमेशा अच्छा सोचें
सुन्दर अपनी सृष्टि है,
सुन्दर सबकी दृष्टि है।
सोच सुन्दर जब हो जाए,
सुन्दर सबकुछ नजर आए।
सुंदरता का कोई मोल नहीं,
मीठी बोली सा कोई बोल नहीं।
कर्म हो सुन्दर जिस मानव के,
डर नहीं उसे किसी दानव से।
खुशियाँ बाँटने से खुशी मिलेगी,
सबसे ज्यादा शांति मिलेगी।
सुन्दर जब सोच होगा,
चित्त स्वतः सुन्दर होगा।
सुन्दर बनने के लिए,
सुन्दर व्यवहार करना है।
अच्छे व्यक्तित्व के लिए,
सुन्दर सोच अपनाना है।
हम बदलेंगे, जग बदलेगा,
सोच बदलेंगे सब बदलेगा।
अनुज की बातें याद रखें,
सोचें सुन्दर, सुन्दर बनें।
(स्वरचित रचना)
अनुज वर्मा
मध्य विद्यालय बेलवा,
कटिहार, बिहार
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