होली
फागुन का महीना आया
फिजा को मनोरम बनाया
साथ में रंगों का त्यौहार लाया
जहां को खुशहाल बनाया।
सब मिल रंग-गुलाल उड़ाया
मन से गिले-शिकवे मिटाया
एक-दूजे को गले लगाया
सब में हर्षोल्लास छाया।
देखो, आई मदमस्तों की टोली
आज ब्रज में खेलन को होली
गलियों में खूब रंग जमाया
होली में देखो सब बौराया।
बच्चे-बूढ़े सब झूम-झूम गाए
एक-दूजे को खूब रंग लगाए
ऊँच-नीच का भेद मिटाया
होली को किसने समरस बनाया?
कुमकुम कुमारी
शिक्षिका
मध्य विद्यालय, बाँक
जमालपुर
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