जल संरक्षण-मनु कुमारी

जल संरक्षण 

सभी प्राणियों के जीवन में है मेरा महत्वपूर्ण स्थान,
मैं हूँ कुदरत का दिया हुआ दूसरा अमूल्य वरदान।

अगर नहीं मैं होता जग में, कहीं न होते जीव,
धरती पर भी न पड़ पाती, हरियाली की नींव ।

मेरे बिना जिंदा नहीं रह सकता धरती पर इंसान,
बहती हुई नदियाँ हैं जीवंतता की पहचान।

स्वयं कष्ट सहकर, दूसरों का कष्ट हरनेवाली,
आने जाने वाले राहगिरों की मैं हूँ प्यास बुझानेवाली ।

इसलिए हे मानव मुझे करना न बरबाद,
मेरे बिना मर जाओगे, इतना तुम रखो याद ।

मुझे पीकर सभी जीव अपनी प्यास बुझाते हैं,
मेरी कमी गर हो गई तो हर जगह सूखे पड़ जाते हैं।

संसार में रहने वालों को मेरी जरूरत पड़ती है,
मेरी बर्बादी से हे मानव मेरी आयु घटती है।

ऐसा न हो एक दिन मैं दुनियाँ से हमेशा चला जाऊँ,
खत्म हो जाए काम मेरा लौट के वापस न आऊँ ।

रोओगे पछताओगे, धुनोगे अपने माथ,
सोचो समझो करो फैसला, अब ये है तुम सभी के हाथ।

जितनी जरूरत हो उतना हीं इस्तेमाल करो तुम पानी,
मेरा अस्तित्व तभी बच पाएगा, ये मेरी करूण कहानी।

बेवजह पानी बहाकर मेरा न अपमान करो
जल संरक्षण की जागरूकता फैलाकर” मनु” पुण्य की भागी बनो।

मनु कुमारी
प्रखण्ड शिक्षिका
मध्य विद्यालय सुरीगांव
बायसी पूर्णियाँ

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