करवा चौथ – रामपाल प्रसाद सिंह अनजान

विधाता छंदाधारित मुक्तक
करवा चौथ


कहीं संगम कहीं तीरथ,
धरा पर पुण्य बहते हैं,

सजी हैं नारियाॅं भूपर,
कहेंगे व्यर्थ कहते हैं।

हजारों साल जिंदा हो,
चमकता माॅंग का सिंदूर..,

जहाॅं पतिदेव की सेवा,
वहाॅं श्रीराम रहते हैं।।


रामपाल प्रसाद सिंह ‘अनजान’
प्रभारी प्रधानाध्यापक मध्य विद्यालय दरवेभदौर
प्रखंड पंडारक पटना बिहार

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