माॅं सृष्टिकर्तृ-सुरेश कुमार गौरव

माॅं सृष्टिकर्तृ मां! यानी सृष्टिकर्त्तृ स्त्री का महान दातृ रुप इस नाम की सार्थकता सबला शक्तिरुपा में सदा परिलक्षित दिखती है। वात्सल्य भाव प्रेषित कर जीवन रुपी पात्रों में ममता,…

मेरी अभिलाषा-प्रीति

मेरी अभिलाषा  मैं छोटा सा नन्हा बच्चा, मेरी यह अभिलाषा है। जल्दी से स्कूल शुरू हो, बस छोटी सी आशा है। याद आते हैं दिन वो सुहाने, जाते जब हम…

गंगा-नूतन कुमारी

  गंगा मोक्षदायिनी गंगा सर्वस्व समाहित कर जगत को निरंतर करती दुलार मां समान। कल्याणकारी गंगा इक बूंद से तृप्ति हो ऐसी ज्यों बुझी तृष्णा अनंत जन्मों की। पतितपावनी गंगा…

गंतव्य-प्रियंका दुबे

गंतव्य जीवन की यात्रा पर  गतिशील है कदम, नहीं ज्ञातव्य यथार्थता, नहीं ज्ञातव्य औचित्य, नहीं है स्पष्ट रास्ते, नहीं जानते गंतव्य, कौन सा पथ है उनका कौन सही है पथिक,…

सुनो बेटियों खूब कमाना-बबीता चौरसिया

सुनो बेटियों खूब कमाना मार सके न कोई ताना सुनो बेटियों खूब कमाना। गहना चूडी बिंदी लाना  खुद से खुद का जीवन सजाना अपनी मर्जी खूब चलाना  सुनो ओ बेटियों…