वीणा को बजाइए – मनु रमण चेतना

शारदे भवानी मैया,भंवर में मेरी नैया, करि कृपा मेरी नाव,पार भी लगाईये। श्वेत वस्त्र धारिणी मां,विद्या वर दायिनी हो , सुमति को देनेवाली,कुमति नसाईये। चरणों की आस लगी,दर्शन की प्यास…

मंदाक्रांता छंद – कुमकुम कुमारी “काव्याकृति

हे वागीशा, हृदय तल से,तुझे माँ मैं बुलाऊँ। आ जाना माँ, सुन विनय को,आस तेरे लगाऊँ। है ये वांछा, चरण रज को,भाल से माँ लगाऊँ। देना माता,शुभवचन ये,गीत तेरे रचाऊँ।…

हे स्वर की देवी माँ – देव कांत मिश्र ‘दिव्य’

हे स्वर की देवी माँ, वाणी मधुरिम कर दो। मैं दर पर आया हूँ, शुचि ज्ञान सुमति वर दो।। इंदीवर पर राजित, है श्वेत हंस वाहन। वेदों की जननी माँ,…

धन्य सुपौल जिला रे- नीतू रानी

विषय- महर्षि आशुतोष महाराज। संत सोहर गीत धन्य गुरु गाम पिपराही से धन्य सुपौल जिला रे, ललना रे धन्य माता सत्यभामा पिता विश्वनाथ जिनकर घर गुरु आशु जन्म लेल रे।…

पाकिस्तानियों का दर्द – कुमकुम कुमारी “काव्याकृति”

अब सुनो हमारी सरकार अपनी आवाम की पुकार कुछ करो काम निर्माण का मिले जन-जन को रोजगार। आजाद हुए हुआ 76 साल आज भी स्थिति है बदहाल त्याग कर संकुचित…

शिक्षा – गौतम भारती

शिक्षा क्या है??? शिक्षा ?? शिक्षा एक संस्कार है कुशलता का व्यवहार है ज्ञानों का भंडार है घर -घर का त्योहार है बुजुर्गों का उद्गार है और जीवन का शृंगार…

मैं गणतंत्र हूँ -रूचिका

मैं स्वतंत्र हूँ, मैं गणतंत्र हूँ, मैं जन जन का तंत्र हूँ, मैं आर्यावर्त ,मैं ही भारत, मैं ही विश्व का सबसे बड़ा लोकतंत्र हूँ। एक राष्ट्र ,एक संविधान, एक…