और फिर कोरोना-गिरिधर कुमार 

और फिर कोरोना यह क्या कसौटियां खत्म नहीं होती! कितनी बार कितनी परीक्षाएं कितनी उदासियां कौन सी सीमायें हैं इसकी सारा कुछ तो है कसौटी पर हम हमारे बच्चे हमारा…

दो ऐसा अचूक वरदान-विजय सिंह नीलकण्ठ

दो ऐसा अचूक वरदान हे प्रभु हमको ज्ञान प्राप्ति का  दो ऐसा अचूक वरदान  हर पल हर क्षण ज्ञान प्राप्त हो  विनती करता हूंँ भगवान। ज्ञान पिपासा कभी न कम…

पौधेे-प्रीति कुमारी

पौधे पौधे के हम पाँच अंग, जड़, तना, पत्ती, फूल और फल। जड़ पौधों को पानी देता, तना पत्तियों तक पहुँचाता। पत्ती लेती सूर्य से प्रकाश, वायुमंडल से कार्बन डायऑक्साइड…

शिक्षक-प्रकाश प्रभात

शिक्षक शिखर तक ले जाने वाले  क्षमा की भाव रखने वाले  कमजोरी दूर भगाने वाले  अपनापन समझने वाले। सच्ची राह दिखाने वाले  हरदम तो समझाने वाले  प्रकृति मूल बताने वाले …

बालक की अभिलाषा-एस. के. पूनम

बालक की अभिलाषा बालक हूँ मेरी भी कुछ अभिलाषा है, गुरुदेव का असीम सानिध्य मिले, सादगी भरा वेशभूषा धारण करूँ, समाज में सादगी का मिशाल बनूं। बालक हूँ मेरी भी…

सुबह हुई नींद से जागो-नरेश कुमार ‘निराला’

सुबह हुई नींद से जागो नींद से जागो आँखें खोलो प्रात: की सुंदर यह बेला है, रवि की अद्भुत लालिमा से जगत का सुख अलबेला है। झटपट करके बिस्तर छोड़ो…

वसुंधरा-मधु कुमारी

वसुंधरा माँ वसुंधरा का किया प्रकृति ने अद्भुत श्रृंगार जहां विहग भी करते हैं हरपल सौंदर्य विहार कनक समान धरती चमकती और आसमां भी करते मधुर मलहार…….. बहती नदियां कलकल…