प्रीत जहां की रीत सदा है प्रीत जहां की रीत सदा मैं यही बताने आया हूं इस मिट्टी में मैं पला बढ़ा इसी से सम्मान पाया हूं। जहां के ज़र्रे-ज़र्रे…
शांति के फरिश्ते हैं हम-ब्रम्हाकुमारी मधुमिता
शांति के फरिश्ते हैं हम शांति सागर की संतान हैं, हम खुशियों भरा है, जीवन हरदम शांति के प्रकंपन, फैलाएं हम शांति के फरिश्ते हैं, हम। खुश रहना और खुशी…
हमें उड़ने दो-ज्योति कुमारी
हमें उड़ने दो हमारे पंख हौसलों से हैं, हमारी उड़ान क्षितिज तक, जहां ज़मीं और आसमां मिलते हैं। हम बच्चे बिहार के हमें नया इतिहास लिखने दो ना। नवाचार से…
होली-कुमकुम कुमारी
होली फागुन का महीना आया फिजा को मनोरम बनाया साथ में रंगों का त्यौहार लाया जहां को खुशहाल बनाया। सब मिल रंग-गुलाल उड़ाया मन से गिले-शिकवे मिटाया एक-दूजे को गले…
नारी-जैनेन्द्र प्रसाद रवि
नारी श्रद्धा से प्रेरणा पा मनु को आई जागृति। नारी समाज की दामन से, जुड़ी भारत की संस्कृति।। नारी थी सीता, सावित्री, नारी अहिल्या, तारा है। इसी की ओट पाकर,…
पूजन की थाल सजाएँ-दिलीप कुमार गुप्त
पूजन की थाल सजाएँ आशाओं के नवदीप सजाकर अन्तर्मन उत्साह उमंग जगाएँ अटूट श्रद्धा विश्वास जगाकर समर्पण भाव शीश झुकाएँ आओ ! पूजन की थाल सजाएँ। पावन अन्तस सुमन खिलाकर…
शिक्षक-मुकेश कुमार
शिक्षक आओ हम सब मिलकर बच्चों का भविष्य बनाएं, हम शिक्षकों को जो काम मिला, उसे महान बनाएं। सरकारी विद्यालयों में परिवर्तन की लहर चल चुकी है, अपने आप को…
नारी-देव कांत मिश्र ‘दिव्य’
नारी नारी लक्ष्मी रूप है, जाने सकल जहान। अन्तर्मन के भाव में, बसते हैं भगवान।। नारी जीवन सार है, बिन नारी निस्सार। नर नारी के चक्र से, जगमग है संसार।।…
हम अपना नववर्ष मनाते हैं-राजाराम सिंह ‘प्रियदर्शी’
हम अपना नववर्ष मनाते हैं फागुन की अंतरिम बीते रात, हो पावन पल से मुलाकात, नवरंग, तरंग, उमंग हो मन में। हो रंग-बिरंग बिहंग उपवन में। चैत्र शुक्ल की प्रथम…
ब्रज की होली-भवानंद सिंह
ब्रज की होली रंग गुलाल उडे़ फिजा में सतरंगी सा लगे है अम्बर, मन प्रफुल्लित हो जाता है आता जब होली का त्योहार। राधा संग नंदलाल की होली संग-संग ब्रजवासी…