सुबह की रोटी आधुनिकता के चक्कर में भईया रोटी बासी भूल गये, सुबह का नाश्ता, मैगी-बिस्किट खाकर ख़ुद को कूल कहे। चीनी, जलेबी, गुड़, पेड़ा, घी संग बासी रोटी भाता…
शब्दों का ज्ञान-शालिनी कुमारी
शब्दों का ज्ञान आओ बच्चों खेल-खेल में सीखे कुछ शब्दों का ज्ञान.. “Mother” शब्द का अर्थ हैं “माता” जो तुम्हें दुलारे प्राणों से ज्यादा.. “Father” का अर्थ होता हैं “पिता”…
भारत की ऋतुएं-शुकदेव पाठक
भारत की ऋतुएं भारत की मुख्य ऋतुएं हैं तीन पर परंपरागत ऋतुएं हैं छः शरद ग्रीष्म वर्षा है तीन वसंत ग्रीष्म वर्षा शरद हेमंत तथा शिशिर ऋतु है छः बसंत…
सच्चे मित्र-सुधीर कुमार
सच्चे मित्र पौधे हमारे मित्र हैं सच्चे, इनको न तू भूल। इनसे ही है हरियाली, और मानव जाति समूल। आम, संतरा, केला, नारियल, सेब, अमरुद, अंगूर। ये सारे ही फल…
दिशा धुन-डॉ. स्नेहलता द्विवेदी ‘आर्या’
दिशा धुन प्यारे बच्चों सुन सुन सुन, दिशा की प्यारी सी इक धुन। सूरज जिधर से सुबह उगे, कहते उसको पूरब सुन। प्यारे बच्चों सुन सुन सुन.. देखो सुबह में…
वीरहन के बसंत-आर. पी. ‘राज’
वीरहन के बसंत गलवान घाटी के वीरहन के आँसु में, वसंती बहार बह़ गईल। कइसे हो स्वागत बसंत के हीयरा के सगरी अरमान ऑंसुअन मे द़ह गईल। छुट्ल न महा़वर…
चिड़ियाँ रानी-प्रीति कुमारी
चिड़ियाँ रानी ची-ची करती आई चिडियाँ, दाना चुन चुन लाई चिडियाँ । कभी थिरकती कभी मटकती आसमान में वो उड़ जाती डाल डाल और पात पात पर चिडियाँ रानी फुदक-फुदक…
पेड़ लगाना होगा-अमित आर्यन
पेड़ लगाना होगा घुटते घुटते कहीं ये उपवन मर न जाए, हालत देख धरा की जीवन डर न जाए, ध्यान धरो ओ ! मानव कुछ अपने कर्मों का, कहीं तुम्हारी…
जिम्मेदारी-रीना कुमारी
जिम्मेदारी आओं बच्चों तुम्हें बताएं क्या होती है जिम्मेदारी। हर रास्ते और हर कदम पे होती इससे यारी। आओ बच्चों ——— बचपन में जब हम नहीं समझते कुछ भी दुनियादारी,…
अनमोल बातें-प्रियंका कुमारी
अनमोल बातें नित्य दिन समय पर स्कूल जाना, समय पर करना अपना हर काम, पढ़ने-लिखने में खूब मन लगाना, देखना जग में होगा तुम्हारा नाम। हमारे आस पास का कोना…