बेटी:अधिकार-मधु कुमारी

बेटी : अधिकार बाबा मैं भी अभिमान तुम्हारा मान-सम्मान संग संतान तुम्हारा मुझको भी है पढ़ने जाना शिक्षा का है दीप जलाना शिक्षा का अलख जलाऊँगी पढ़ लिखकर मैं भी…

उद्देश्य-दिलीप कुमार गुप्ता

उद्देश्य अनगढ को सुगढ बनाना शूलों मे सुरभि महकाना भटके को सम्यक राह सुझाना गहन तिमिर में रवि उगाना प्रतिपल हो उद्देश्य हमारा । बुझे मन मष्तिष्क विश्वास जगाना थके…

पेड़-रानी कुमारी

पेड़ सारी सृष्टि सुशोभित मुझसे युगों-युगों से राज है मेरा न जाने कितनी कहाँनियाँ समाहित है मुझमें आज मैं अपने बारे में कुछ बतलाता हूँ हाँ, मैं एक पेड़ कहलाता…

सदाचार-देव कांत मिश्र दिव्य

सदाचार   सदाचार का गुण अपनाएँ सच्ची पूँजी इसे बतलाएँ। अमित तोष आनंद बढ़ेगा जीवन मधुरिम और दिखेगा।। अमिय समान बहुत गुणकारी है आभूषण असली प्यारी। मीठे वचन सभी से बोलें…