सांता अंकल लो आ गया क्रिसमस का त्योहार, चलो मनाएं मिल-जुलकर खुशियां अपार, हम बच्चों के लिए आज का दिन है खास, चॉकलेट, गिफ्ट पाने की रहती है आस, आज…
अजातशत्रु अटल-रूचिका
अजातशत्रु अटल अजातशत्रु आप अटल अविचल, पावन पवित्र हृदय आपका निर्मल, भारत भारती के तुम सच्चे लाल, दृढ़ प्रतिज्ञ कवि हृदय आप कोमल। इतिहास रचा आपने भारत में, पोखरण परमाणु…
जीवन की मुस्कान-प्रीति
जीवन की मुस्कान बहुत दिनों के बाद आज फिर से कुछ याद आया, कोरे कागज ने फिर मन को है गुदगुदाया। ऊँगलियाँ लेखनी संग करने लगीं अठखेलियाँ, सोच सोच मन…
अन्नदाता-सुरेश कुमार गौरव
अन्नदाता जब तक कि मिट्टी से सने नहीं, अन्नदाता के पूरे पांव-हाथ! सदा खेतों में देते रहते ये, बिना थके-रुके, दिन-रात साथ!! हल, बैल, कुदाल, रहट, बोझा, पईन, पुंज और…
चन्दा मामा-भवानंद सिंह
चन्दा मामा नील गगन में एक चन्द्रमा निशा की तिमिर मिटाता है, धरा पर फैले उसकी चाँदनी शीतलता पहुँचाता है । बच्चे मामा कहते उसको खिलौने लेकर आओ ना, दूध-भात…
चिड़िया-ब्यूटी कुमारी
चिड़िया चीं चीं करती आती चिड़िया पेड़ की डाली सजाती चिड़िया। फुदक फुदक कर इस डाली से उस डाली पर जाती चिड़िया। मुर्गा बांग लगाता है सबको सुबह जगाता है।…
किसान-जैनेन्द्र प्रसाद रवि’,
किसान खेती, बेटी एक समान होती है कृषक की जान, चर,अचर जीवों का पालक अन्नदाता है किसान। धूप-छांव हो या कि वर्षा कभी नहीं करता विश्राम, दिन-रात वह करता काम,…
रहमत के बंदे रहीम-विवेक कुमार
रहमत के बंदे रहीम आसमां से आया फरिश्ता, प्यार का सबक सिखलाने, सरजमीं पर रहमत बरसाने, चारों तरफ समभाव जताने, कलम और तलवार था जिनका, आसानी से एक ही कमान,…
चीरहरण-जैनेन्द्र प्रसाद रवि’,
चीरहरण द्रोपदी सभा में चीख रही लाज बचाए कौन? सभासद स्तब्ध सभी हैं नजर झुकाए मौन।। भीम, अर्जुन, धर्मराज बैठे हैं चुपचाप। वीरों की इस सभा को सूंघ गया है…
ये हवाएं और फिजाएं-सुरेश कुमार गौरव
ये हवाएं और फिजाएं प्रकृति ने बनाए सुलभ नियम, बहुत सारे ऐसे ! संसार के सभी जीव बंधे हुए हैं, इनसे जैसे !! 🌱 मानव की विचारधारा मानों बदलती चली…