हमारा परिवेश आओ देखो छू ले हम, और पाएं हम उनसे ज्ञान, अलग-अलग आकार और प्रकृति के, पत्ती फूल फल और तना अनेक, रंग, गंध अलग लंबे और छोटे मोटे,…
अशोक कुमार-बिल्ली मौसी
बिल्ली मौसी बिल्ली मौसी बिल्ली मौसी, घर में वह धौस जमाती। म्याऊं म्याऊं करती रहती, बच्चों को खूब भाती।। चूहों को पकड़ा पकड़ी, उसको खूब मजा आती। चूहों को…
क्यों हम भूल जाते हैं-भोला प्रसाद शर्मा
क्यों हम भूल जाते हैं क्यों हम भूल जाते हैं ? जब हम माँ के गर्भ में होते हैं मुझे बहुत सुखों की अनुभूति होती है कुछ ही दिनों में…
आज की नारी मोहताज नहीं किसी की-विवेक कुमार
आज की नारी मोहताज नहीं किसी की प्रकृति की हसीन वादियों की नूर है नारी, सृष्टि की अमिट निशानी पालनहार है नारी, युगों युगों से सामाजिक कुरीतियों से घिरती चली…
तेरी बहना-डॉ अनुपमा श्रीवास्तवा
तेरी बहना रहे कहीं भी दूर तू मुझसे नेह का “रंग” धूमिल हो ना, तू तो है मेरे आँख का तारा मैं “परदेसी” हूँ बहना ! एक डाली के…
शिक्षा-आंचल शरण
शिक्षा जो व्यक्ति को आश दिखाए आगे बढ़ने की प्यास जगाए अंधकार को दूर प्रकाश लाए चारों तरफ उजियारा फैलाए उसी का नाम शिक्षा कहलाए। जो व्यक्ति को विशिष्ट…
राखी-प्रीति
राखी सबसे सुन्दर सबसे प्यारा, राखी का त्योहार हमारा। रक्षा सुत्र का प्यारा बन्धन, करता सारा जग अभिनंदन। भाई-बहन के पावन प्रेम का, नाता है यह निर्मल निश्छल। हर भाई…
प्रीत का बंधन राखी-नरेश कुमार ‘निराला’
प्रीत का बंधन राखी सावन की पड़ रही फुहार। आया राखी का त्योहार।। पूर्णिमा का यह दिन कमाल। सजाके लाती बहना जब थाल।। धागे का एक ऐसा बंधन। बहना लगाये…
राखी-गिरिधर कुमार
स्नेहसिक्त प्रेम अमोल यह बन्धन प्यारा बस अनमोल भीगी आंखें हैं बहना की भाई मूक विह्वल है यह पावन पुनीत पूजा है इस रिश्ते से धरती धवल है इस युग…
रक्षाबंधन-भोला प्रसाद शर्मा
रक्षाबंधन यह अनुपम त्योहार जो आया चहु ओर खुशियाँ है छाया बहन प्यार से थाल सजाया कुमकुम का भी तिलक लगाया है भाई बहन का प्यार अनोखा है सावन के…