लक्ष्य प्राप्ति हेतु मैंने न विश्राम किया उम्मीद की लौ जला कर, जिंदगी को किया उजाला, हर व्यूह को भेद कर, संघर्ष का लिया निवाला, हरसंभव कोशिश को मैंने है…
नई शिक्षा नीति-एम एस हुसैन
नई शिक्षा नीति 1968 में प्रस्तावित हुआ 1986 में यह लागू हुआ । 1992 में कुछ सुधार हुआ 1993 में पुनः साकार हुआ ।। मुदालियर ने यह बात बताई थी…
विज्ञान को नमस्कार-अवनीश कुमार
विज्ञान को नमस्कार दूर अंधेरा छँट रहा मन मे एक विश्वास जग रहा लग रहा ये आखिरी प्रयोग होगा जीत का जश्न होगा कोरोना वैक्सीन का ईजाद होगा जन जन…
साहस के दोहे-जैनेन्द्र प्रसाद रवि
साहस के दोहे चोट खाकर ही पत्थर मूर्त्ति बन पूजा जाता है। जो संकट से घबराता, वह कभी नहीं बढ़ पाता है।। तपाया जाकर ही सोना सुंदर आभूषण बन पाता…
जिंदगी-देव कांत मिश्र दिव्य
ज़िन्दगी छोटी-सी ज़िन्दगी को यूँ न गवाँना है। इसे नित नई खुशियों से सजाना है।। ज़िन्दगी में आएँगे कभी खुशी तो कभी ग़म डटना है सामने पर नहीं इससे घबराना…
पर्यावरण हमारा आवरण-अपराजिता कुमारी
पर्यावरण हमारा आवरण 🌳🦋 🌳💦🦁🐯🌊🌪🦋🐤🦆🐱🐭🐋🦀🐬🦂🐌🦆🐤🐂🐄🦌🐪🦒🐫🐳🐿🦋🌳 🌳प्रकृति हम सब की माँ जैसी हम सब का आवरण पर्यावरण भौतिक, रासायनिक और जैविक सबको समष्टिगत करता पर्यावरण🦋 🌲सूक्ष्मजीवाणु, कीड़े, मकोड़े सभी जीव,जंतु पेड़-पौधे,…
आत्मनिर्भर-डाॅ. अनुपमा श्रीवास्तव
आत्मनिर्भर बिना सहारे जीवन “पथ पर “ चलता है जो अपने सामर्थ्य पर जिसे भरोसा अपने कर्म पर वही तो है जग में “आत्मनिर्भर “। नन्ही सी “चिड़िया” को देखो…
बाबुल की गुड़िया-डाॅ अनुपमा श्रीवास्तव
बाबुल की गुड़िया हो सके तो समझो दुनियाँ एक पिता के “मर्म” को, रख कर अपने दिल पे पत्थर निभाता पिता के धर्म को। “बूत” बनकर है निभाता रस्म “कन्यदान”…
प्रार्थना-दिलीप कुमार गुप्ता
प्रार्थना मन की शक्ति शुद्धता, शांति सर्वोत्तम प्रवाह आध्यात्मिक ऊर्जा सुक्ष्मातिसुक्ष्म बुद्धि नव विवेक सात्विक शक्ति अन्तःकरण जागरण शुद्धतम सद्भाव अन्तर्मन नवांकुरण व्यष्टि से समष्टि समृद्धि आह्वान अन्तस्थ निर्मलता…
नदियाँ-दिलीप कुमार गुप्ता
नदियाँ पर्वत कंदराओं से होकर सरपट दौड़ लगाती नदियाँ चट्टानों से टकरा टकरा कर अवरोधों को दूर भगाती है मैदानों के चौरस वक्ष पर मद्धिम मल्हार सुनाती है कलकल बहती…