कोयल की मीठी बोली हरे-भरे पेड़ों पर बैठकर कोयल कूँ-कूँ गाती है, सुनकर कोयल की बोली बच्चे खुश हो जाते हैं। कोयल की बोली-से-बोली बच्चे जब मिलाते हैं, जोर-जोर…
आविष्कार-बीनू मिश्रा
आविष्कार क्षुधा पेट की शांत हुई तो जिज्ञासु मन हार न फिर मानी थी, हरदम कुछ ना कुछ खोज निकाला खास जरूरत पूरी करके, उसने सुस्ती नहीं दिखाई काट-पीट और…
मुझको पता नहीं-भोला प्रसाद शर्मा
मुझको पता नहीं माँ! तो माँ होती है उसमें भरी ममता की छाँव होती है मोह में पड़ी रहती है आजीवन हो शहर या गाँव में अपनापन कब चुरा लेती…
Plant trees-Manju Raut
Plant trees Plant trees, plant trees if you want oxygen free. Plant trees, plant trees, if you want your environment pollution free. Trees give us shelter, trees give us protection.…
पर्यावरण-अशोक कुमार
पर्यावरण पृथ्वी वीरान पड़ी, विकट समस्या खड़ी। स्वयं एक एक पेड़,आप भी लगाइए।। पेड़ों की कटाई रोकें, बर्षा इसी से होखें। फल फूल हमें देवें, इसे तो बचाइए।। मिट्टी की…
अनमोल व अदृश्य मित्र-विजय सिंह नीलकण्ठ
अनमोल व अदृश्य मित्र निराशा से मन भरा हुआ था आशा कहीं न दिखती थी सामने होते स्वादिष्ट व्यंजन पर न कोई जॅंचती थी। कारण था मुॅंह की बीमारी…
नशा का हो नाश-विवेक कुमार
नशा का हो नाश आज का दौड़ निराला सबको कर रहा मतवाला मन को कर रहा है काला युवाओं का निकाल रहा दिवाला ले रहा गिरफ्त में दे रहा हवाला…
पाठशाला से रिश्ता-एस. के. पूनम
पाठशाला से रिश्ता वह खड़ा है पाठशाला के द्वार पर, पार किया है उम्र का छठा सावन, बाल-सुलभ मुस्कान है अधरों पर, सजल नयनों में है आशा का दीप। अंग-सौष्ठव…
अनमोल जीवन-आंचल शरण
अनमोल जीवन मजबूरी के दलदल में, मत फंस प्यारे। जिंदगी खुशियों की है, हिम्मती बनकर देख प्यारे।। आगे बढ़ चलता जा, सामने रख नज़र प्यारे। न कोई रोके, न कोई…
बचपन-डॉ. अनुपमा श्रीवास्तवा
बचपन चल मिलकर हम दोनो खेलें तू भागो, हम तुझको छू लें, चल घर से दूर “ओसारे” में खेलेंगे हम चौबारे में। आँख-मिचौली, डेंगा-पानी या कर ले कोई मनमानी चल…