कोयल की मीठी बोली-भवानंद सिंह

  कोयल की मीठी बोली हरे-भरे पेड़ों पर बैठकर कोयल कूँ-कूँ गाती है, सुनकर कोयल की बोली बच्चे खुश हो जाते हैं। कोयल की बोली-से-बोली बच्चे जब मिलाते हैं, जोर-जोर…

आविष्कार-बीनू मिश्रा

आविष्कार क्षुधा पेट की शांत हुई तो जिज्ञासु मन हार न फिर मानी थी, हरदम कुछ ना कुछ खोज निकाला खास जरूरत पूरी करके, उसने सुस्ती नहीं दिखाई काट-पीट और…

पर्यावरण-अशोक कुमार

पर्यावरण पृथ्वी वीरान पड़ी, विकट समस्या खड़ी। स्वयं एक एक पेड़,आप भी लगाइए।। पेड़ों की कटाई रोकें, बर्षा इसी से होखें। फल फूल हमें देवें, इसे तो बचाइए।। मिट्टी की…

अनमोल व अदृश्य मित्र-विजय सिंह नीलकण्ठ

अनमोल व अदृश्य मित्र   निराशा से मन भरा हुआ था आशा कहीं न दिखती थी सामने होते स्वादिष्ट व्यंजन पर न कोई जॅंचती थी। कारण था मुॅंह की बीमारी…

अनमोल जीवन-आंचल शरण

अनमोल जीवन मजबूरी के दलदल में, मत फंस प्यारे। जिंदगी खुशियों की है, हिम्मती बनकर देख प्यारे।। आगे बढ़ चलता जा, सामने रख नज़र प्यारे। न कोई रोके, न कोई…