गाँव-देव कांत मिश्र

गाँव यह गाँव हमारा प्यारा है अद्भुत सुन्दर न्यारा है। चलो तुम्हें हम आज दिखाएँ उर का भाव हमारा है।। होती अनुपम मृदा गाँव की सत्य सभी ने जाना है।…

पिता-भोला प्रसाद शर्मा

पिता  पिता जैसा कोई वरदान नहीं पिता जैसा कोई महान नहीं पिता हम आपकी निन्दिया है चमकाती माँ की बिन्दिया है पिता हँसता हुआ फूल है रक्षा कवच बना त्रिशूल…

विज्ञान रस गति के नियम-बीनू मिश्रा

विज्ञान रस गति के नियम मैंने किए रचित विज्ञान रस, और लिख डाली कुछ कविता, और न्यूटन ने लिख रखे हैं, “न्यूटन्स लाॅज ऑफ मोशन” देख विज्ञान रस न खोएं…

मेरे पिता मेरे भगवान-रीना कुमारी

  मेरे पिता मेरे भगवान मेरे पिता जिन्होने मुझे सुंदर सा संसार दिया आनंद खुशी और रंग-बिरंगे जैसे उपहार दिया आंखों के तारे कह मेरे जीवन को सवांर दिया सोना-चांदी…

पंछी-अशोक कुमार

पंछी कौआ मामा बैठ छतों पर, कांव-कांव कर रहे। बच्चे पूछते हे मामा, अतिथि मेरे घर आ रहें।। कोयल बैठी ऊंची डाल पर, कू कू कू कू कर रही। उनकी…

वर्णमाला-सुधीर कुमार

वर्णमाला आओ बच्चों,वर्ण को सीखो, पहले पढ़ लो,पीछे लिखो। अ से अनार,आ से आम, खाओ बच्चों,कम है दाम। इ से इमली,ई से ईख, गुरु से बच्चों,विद्या सीख। उ से उल्लू,ऊ…