गाँव यह गाँव हमारा प्यारा है अद्भुत सुन्दर न्यारा है। चलो तुम्हें हम आज दिखाएँ उर का भाव हमारा है।। होती अनुपम मृदा गाँव की सत्य सभी ने जाना है।…
फलों का राजा आम-अनुज कुमार वर्मा
फलों का राजा आम बात पते की कहता हूँ, नन्हें राजा, सुनलो आप। दादा – दादी भी कहते हैं, राजा फलों का है आम। गर्मी के मौसम में बच्चों, जब…
पिता-भोला प्रसाद शर्मा
पिता पिता जैसा कोई वरदान नहीं पिता जैसा कोई महान नहीं पिता हम आपकी निन्दिया है चमकाती माँ की बिन्दिया है पिता हँसता हुआ फूल है रक्षा कवच बना त्रिशूल…
मैं धन हूँ-भवानंद सिंह
मैं धन हूँ मैं धन हूँ किसी के पास कुछ भी नहीं, किसी के पास बहुत ज्यादा किसी के पास थोड़े कम हूँ । मैं उनके पास रहता हूँ जो…
विज्ञान रस गति के नियम-बीनू मिश्रा
विज्ञान रस गति के नियम मैंने किए रचित विज्ञान रस, और लिख डाली कुछ कविता, और न्यूटन ने लिख रखे हैं, “न्यूटन्स लाॅज ऑफ मोशन” देख विज्ञान रस न खोएं…
मेरे पिता मेरे भगवान-रीना कुमारी
मेरे पिता मेरे भगवान मेरे पिता जिन्होने मुझे सुंदर सा संसार दिया आनंद खुशी और रंग-बिरंगे जैसे उपहार दिया आंखों के तारे कह मेरे जीवन को सवांर दिया सोना-चांदी…
पंछी-अशोक कुमार
पंछी कौआ मामा बैठ छतों पर, कांव-कांव कर रहे। बच्चे पूछते हे मामा, अतिथि मेरे घर आ रहें।। कोयल बैठी ऊंची डाल पर, कू कू कू कू कर रही। उनकी…
मिट्टी की महक – डॉ.अनुपमा श्रीवास्तवा
मिट्टी की महक “महक” आती थी मिट्टी की गाँव के “खलिहानों” से, मिलती कहाँ…
वन हो रहे हैं कम-अपराजिता कुमारी
वन हो रहे हैं कम धरती पर वन हो रहे हैं कम कैसे बचेगा पृथ्वी पर जनजीवन जनसंख्या भी बढ़ा रहे हैं हम आधुनिकीकरण और औद्योगिकीकरण से वन भूमि पर…
वर्णमाला-सुधीर कुमार
वर्णमाला आओ बच्चों,वर्ण को सीखो, पहले पढ़ लो,पीछे लिखो। अ से अनार,आ से आम, खाओ बच्चों,कम है दाम। इ से इमली,ई से ईख, गुरु से बच्चों,विद्या सीख। उ से उल्लू,ऊ…