ओ सब कुछ याद है। वो घर के छत के चूते हुए छप्पर-छानी याद हैं, वो सावन में रिमझिम बरसता पानी याद है। भींग ना जाऊं, मां छुपा लेती थी…
बाल कविता -नीतू रानी
-बाल कविता शीर्षक -एक मोटा हाथी। एक मोटा हाथी झूम के आया, केला के पेड़ को सूँढ से गिराया। उसमें लटके केला को तोड़ के खाया, बहती नदी में खूब…
जैनेंद्र प्रसाद -महिमा अपार
महिमा अपार है मंदिरों में भीड़ भारी,दरस को नर-नारी, श्रद्धालुओं से है पटा, मांँ का दरबार है। दीप-धूप जले ज्योति, आरती मंगल होती, दर्शन को लगी हुई, भक्तों की क़तार…
महादेवी स्त्रोत – राम किशोर पाठक
महादेवी स्त्रोत नमो दिव्यै निराकारा । महा दिव्यै शिवाकारा।। त्वमेका दृष्टि पथ गामी त्वमेका सृष्टि अविरामी त्वयि सीता च सावित्री त्वयि गीता च गायत्री त्वमेका ही सुधा धारा। महा दिव्यै…
डॉ पूनम कुमारी- ब्रह्मचारिणी मां
माता का दूसरा दिन ब्रह्मचारिणी माता तेरे चरणों की धूल, मेरे आंचल में खिल जाएं फ़ूल तुम बिन ना कोई मेरा सहारा, तू ही है मेरी जीवन धारा, तेरी भक्ति…
ब्रह्मचारिणी मां -डॉ स्नेहलता द्विवेदी
ब्रह्मचारिणी माँ नमः शिवा ज्ञान ध्यान की प्रभा, तपस्विनी महातपा। जपे तू कोटि मन्त्र जा, नमः शिवा नमः शिवा। सहस्त्र वर्ष तप करा, शतः शतः तू व्रत धरा, संकल्प तो…
वृद्धावस्था – गिरिंद्र मोहन झा
शैशव, बाल्य, किशोर, युवा,से होकर तुम बने हो वृद्ध,तुम्हारा असली,बड़ा गुण है,हर स्थिति में स्थिर औ’ सिद्ध,ज्ञान, विज्ञान, अनुभव में गम्भीर,हर परिस्थति में अटल, धीर और वीर,पैतृक सम्पत्ति के संरक्षण-संवर्द्धन…
हे शैलसुता -डॉ स्नेहलता द्विवेदी
हे शैलसुता! हे पर्वतराज हिमाद्रि जना, हे भवभय तारिणी बृषवाहना। हे कल्याणी सती सत्य शिवा , प्रणमामि त्वयं हे शैलसुता। हे श्वेताम्बरा हे प्रेम सुधा, हे तप जप ज्ञान की…
भावुक हूं मैं.. डॉ स्वराक्षी स्वरा
हां,मैं भावुक ही तो हूंतभी तो सह नहीं पातीहल्की सी भी चोट,फिर चाहे वो शरीर पर हो या कि लगे हों दिल पर।। हां,मैं भावुक ही तो हूंतभी तो देख…
मां भगवती – राहुल कुमार रंजन
मां भगवती! शक्ति का सागर,तेरे चरणों में है जग सारा।भक्त तेरे गुण गाते हरदम,तू है सबकी नैया का किनारा। रक्तचरण और श्वेत वसन में,सिंह पर विराजी वीर भवानी।तेरी कृपा से…