विषय -पापा माँ के जाने के बाद पापा, तुम्हीं मेरे जीवन आधार पापा———-। माँ के जाने—————२। तुम्हीं मेरे माता-पिता तुम्हीं हो तुम्हीं मेरे बंधु सखा, तेरा हाथ रहे मेरे सिर…
मानव – दीपा वर्मा
मानव अपने दंभ मे ..किमी की सुनता नहीं. मैं सबसे उत्तम बस यही, वह जानता है। कोई हमसे भी श्रेष्ठ हो सकता है,वह कभी मानता नहीं। अपने इस गुमान मे,…
शिक्षा गान – सुरेश कुमार गौरव
आओ सब बच्चों मिल चलें स्कूल, इस बार हम सबसे कोई न हो भूल! पढ़-लिखकर सबको पाना है ज्ञान, दूर करना है सबका मन का अज्ञान! किताब कलम है अपना…
कर्म-पथ – सुरेश कुमार गौरव
जिस पथ में चला सत्य है यह कर्म-पथ उतार तो कहीं चढ़ाव का है यह सु-पथ! जीवन के हर मोड़ पर उनको देखा सदा वो पूरा भी न कर सके…
गुरू की महिमा – दीपा वर्मा
हो रहा अत्याचार है, हम लाचार हैं। मन हो रहा दुखी क्योकि आज हम बीमार हैं न भोजन भावे,न नींद आवे न कोई और चीजों से सरोकार है। पर इन…
रंगोली होली – सुरेश कुमार गौरव
आसियाने रंगे जाए तो जगमग मनती दीपावली.. जब सब रंग से हो जाए सराबोर तो खिलती होली, घर में ‘दीपक’ जलाते तो प्रकाश मय दीपावली.. जब चौराहे में अग्नि जलाएं…
बंधन – सुरेश कुमार गौरव
जीवन एक विश्वास रुपी है अनोखा बंधन, रक्त के तो कहीं बिना रक्त के कहलाते बंधन, हर्ष-विषाद,खट्टी-मीठी और अनोखी यादों का, भरोसे, धैर्य, विश्वास, प्रेम,आशामय रुप का, पर जीवन एक…
बाली रे उमरिया – जैनेन्द्र प्रसाद रवि
प्रभाती पुष्प मनहरण घनाक्षरी छंद बाली रे उमरिया 🌹🌹🙏🙏🌹🌹 एक दिन राधा रानी भरने को गई पानी, भूल बस चली गई, गोकुल नगरिया। देख के सुंदर गांव ठिठक गई थी…
कविता – दीपावर्मा
कविता सोच कर किया नही जाता। यह तो मन के भावो की कहानी है। हृदय के उद्गार को शब्दो मे पिरोया जाता है। फिर उसे सुर और ताल से सजाया…
मां के बिना – मनु रमण चेतना
मां के बिना अब मेरा देखो , सूना यह संसार है। उदासी है घर में छाई, टूटा गम का पहाड़ है। खोई है मेरे घर की खुशियां , फींका अब…